Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mahabharat Katha : पांडव सेना का वो योद्धा, जो कौरव सेना के लिए बन गया था 'यमराज'

    By Ritesh SirajEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jul 2021 05:49 PM (IST)

    Mahabharat Katha घटोत्कच इतने बलशाली थे कि कौरव सेना को अपने पैरों तले ही कुचल देते थे। घटोत्कच के युद्ध से कौरव सेना में हलचल मच गई थी। महाभारत के युद्ध में जब तक घटोत्कच जिंदा थे कौरव पूरी तरह से परेशान हो गए थे।

    Hero Image
    Mahabharat Katha : पांडव सेना का वो योद्धा, जो कौरव सेना के लिए बन गया था 'यमराज'

    Mahabharat Katha : महाभारत के युद्ध में एक से बढ़कर एक महाबलशाली योद्धा थे। सभी योद्धाओं की कुछ न कुछ खास बात थी। इसी में से एक घटोत्कच थे, जिनका शरीर बहुत ही विशालकाय था। घटोत्कच का जन्म भीम की राक्षस कुल की पत्नी हिडिम्बा से हुआ था। राक्षसी पुत्र होने की वजह से घटोत्कच मायावी  भी थे। घटोत्कच बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारी योद्धा थे। वो इतने बलशाली थे कि कौरव सेना को अपने पैरों तले ही कुचल देते थे। घटोत्कच के युद्ध से कौरव सेना में हलचल मच गई थी। महाभारत के युद्ध में जब तक घटोत्कच जिंदा थे, तब तक कौरव पूरी तरह से परेशान हो गए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घटोत्कच का जन्म

    लाक्षागृह से बचने के बाद जब पांडव वन चले गए थे। उस वन में हिडिंबासुर नाम राक्षस अपनी बहन हिडिंबा के साथ रहता था। भीम को देखकर हिडिंबा उनके प्यार में डूब गई। तभी उसका भाई हिडिंबासुर आ गया और दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो गई। भीम ने हिडिंबासुर का वध कर दिया। उसके बाद दोनों की शादी हो गई, जिनसे एक पुत्र पैदा हुआ। घटोत्कच पैदा होते ही बड़ा हो गया और उसके सिर पर बाल नहीं था। इसी वजह से इनका नाम घटोत्कच पड़ा।

    घटोत्कच और महाभारत की लड़ाई

    घटोत्कच ने अपने पराक्रम से कौरव सेना का जमकर विनाश किया। मायावी घटोत्कच ने अपने बल और चमत्कार से कौरवों के नाक में दम कर दिया था। युद्ध के प्रत्येक दिन वह कौरवों का संहार करते थे। एक दिन घटोत्कच के रौद्र रूप से परेशान होकर दुर्योधन ने उसे मारने का निश्चय किया। दुर्योधन के कहने पर कर्ण ने इंद्र से मिले दिव्य अस्त्र के प्रयोग से घटोत्कच को मार गिराया, हालांकि कर्ण ने दिव्य अस्त्र अर्जुन के लिए बचा कर रखा था। 

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'