Magh Month 2023: आज से शुरू हो रहा है पवित्र माघ महीना, जानें उपाय और मंत्र
Magh Month 2023 हिन्दू धर्म में माघ मास को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मास में भगवान सूर्य श्रीहरि और मां गंगा की पूजा का विधान है। शास्त्रों में इस पवित्र मास के सन्दर्भ में कई नियम व उपाय भी बताए गए हैं।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Magh Month 2023 Start Date and End Date: आज से माघ माह का शुभारंभ हो चुका है। बता दें कि पंचांग के अनुसार 6 जनवरी के दिन हिन्दू कैलेंडर के 10वें महीने पौष मास के समापन के बाद इस पवित्र मास का आरंभ हुआ है। धार्मिक दृष्टिकोण से हिन्दू धर्म में माघ महीने को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने में भगवान श्री कृष्ण, भगवान सूर्य, श्री हरि एवं मां गंगा की उपासना का विधान है। मान्यता है कि इस पवित्र मास में पूजा-पाठ, स्नान-दान व व्रत करने से विशेष लाभ मिलता है और देवी देवताओं का आशीर्वाद सदा भक्तों पर बना रहता है।
शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि इस पवित्र मास में पवित्र नदी स्नान करने से पुण्य एवं शांति की प्राप्ति होती है। वहीं सूर्य देव की उपासना करने सभी पाप दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहा है हिंदू पंचांग का पवित्र 11वां महीना।
माघ मास प्रारंभ तिथि (Magh Month 2023 Date)
पंचांग के अनुसार माघ मास 7 जनवरी 2023 शनिवार से प्रारंभ होगा और इसका समापन 5 फरवरी को होगा। इस मास में संकष्टि चतुर्थी व्रत, कालाष्टमी, स्वामी विवेकानंद जयंती, बसंत पंचमी, प्रदोष व्रत इत्यादि महत्वपूर्ण पर्व एवं व्रत रखे जाएंगे। शास्त्रों में इस पवित्र मास के संदर्भ में कुछ नियम व उपाय भी बताए गए हैं। जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
माघ मास 2023 में करें यह काम (Magh Month 2023 Upay)
शास्त्रों के अनुसार माघ महीने में पवित्र गंगा में स्नान करने से व गीता का पाठ करने से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस मास में भगवान विष्णु को तिल निश्चित रूप से अर्पित करें। साथ ही नितदिन तुलसी के समान दीपक जलाकर उनकी पूजा करें। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े दान करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
माघ महीने में जरूर करें इस मंत्र का जाप (Magh Month 2023 Mantra)
दु:खदारिद्रयनाशाय श्रीविष्णोस्तोषणाय: च ।
प्रात:स्नानं करोम्यद्य माघे पापविनाशनम् ।।
मकरस्थे रवौ माघे गोविन्दाच्युत माधव ।
स्नानेनानेन मे देव यथोक्तपलदो भव ।।
दिवाकर जगन्नाथ प्रभाकर नमोस्तु ते ।
परिपूर्णं कुरुष्वेदं माघस्नानं महाव्रतम् ।।
माघमासमिमं पुण्यं स्नानम्यहं देव माधव ।
तीर्थस्यास्य जले नित्यं प्रसीद भगवन् हरे ।।
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