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    Magh Mela 2023: आज से शुरू हो रहा है माघ मेला, जानिए स्नान पर्व की प्रमुख तिथियां

    By Shivani SinghEdited By: Shivani Singh
    Updated: Fri, 06 Jan 2023 08:36 AM (IST)

    Magh Mela 2023 हिंदू धर्म में माघ मास का विशेष महत्व है। इस मास में प्रयागराज के संगम में स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है। इसी कारण हर साल पौष पूर्णिमा के साथ माघ मेला का आरंभ होता है। जानिए माघ स्नान की प्रमुख तिथियां और महत्व।

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    Magh Mela 2023: 6 जनवरी से शुरू हो रहा है माघ मेला, जानिए स्नान पर्व की प्रमुख तिथियां

    नई दिल्ली, Magh Mela 2023: हर साल पौष पूर्णिमा के बाद माघ मास आरंभ हो जाता है। इसी कारण आज से उद्घोषों के साथ माघ मेला आरंभ हो चुका है। बता दें कि माघ स्नान 6 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ आरंभ होगा जो 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ समाप्त होंगे। इसलिए माघ मास का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा, 6 जनवरी 2023 को होगा। इसी दिन के साथ औपचारिक रूप से माघ मेला शुरू होगा। जिसका समापन महाशिवरात्रि के दिन यानी 18 फरवरी को होगा।

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    हिंदू धर्म में इस मास का विशेष महत्व है। इस मास में सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही स्नान दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं दूसरी ओर प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के साथ माघ स्नान आरंभ हो जाते हैं जो महाशिवरात्रि के साथ समाप्त होते हैं। इन दिनों में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाते हैं। जानिए माघ स्नान का महत्व और स्नान की प्रमुख तिथियों के बारे में।

    पौष पूर्णिमा 2023 कब से कब तक

    पौष पूर्णिमा के साथ माघ मेला का आरंभ होगा। पंचांग के अनुसार, 06 जनवरी 2023 को रात 02 बजकर 16 मिनट से पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी, जो 07 जनवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, पौष पूर्णिमा इस बार 06 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।

    माघ स्नान में पड़ने वाले प्रमुख स्नान

    पौष पूर्णिमा- 6 जनवरी 2023

    मकर संक्रांति-14 या 15 जनवरी 2023

    मौनी अमावस्या- 21 जनवरी 2023

    माघी पूर्णिमा- 5 फरवरी 2023

    महाशिवरात्रि- 18 फरवरी 2023

    प्रयाग के माघ मेले का है विशेष महत्व

    प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती के तट पर हर साल माघ स्नान का आयोजन किया जाता है। हिंदू पुराणों में भी इस स्नान का वर्णन मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, तीर्थों का राजा प्रयागराज है। यहां पर स्नान करने शुभ फलों की प्राप्ति होती है और हर कष्ट से निजात मिल जाती है।

    डिसक्लेमर

    इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।