Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि पर करें मां गौरी के इन नामों का जप, जीवन में होगा शुभता का आगमन

    Updated: Sat, 13 Jul 2024 02:01 PM (IST)

    इस साल आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र की शुरुआत 6 जुलाई 2024 दिन शनिवार को हुई है। वहीं इसका समपान 15 जुलाई 2024 को होगा। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस समय मां की पूजा करने से सभी संकटों का नाश होता है। साथ ही घर में शुभता आती है।

    Hero Image
    Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्र -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ गुप्त नवरात्र हर साल उत्साह और धूमधाम के साथ मनाई जाती है। यह पर्व देवी भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस अवधि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा के 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं। साथ ही उनके लिए व्रत रखते हैं। मान्यताओं के अनुसार, तंत्र साधना के लिए यह समय बेहद खास होता है। वहीं, 14 जुलाई को आषाढ़ गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि है, जिसमें जगत जननी आदिशक्ति के लिए भक्त कन्या पूजन, हवन जैसे पूजा अनुष्ठान करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके साथ इस पावन समय में मां पार्वती के 108 नामों का जाप भी बहुत शुभ माना जाता है, तो आइए इसका पाठ करते हैं -

    ।।मां पार्वती के 108 नाम।।

    • आद्य
    • आर्या
    • अभव्या
    • अएंदरी
    • अग्निज्वाला
    • अहंकारा
    • अमेया
    • अनंता
    • अनेकशस्त्रहस्ता
    • अनेकास्त्रधारिणी
    • अनेकावारना
    • अपर्णा
    • अप्रौधा
    • बहुला
    • बहुलप्रेमा
    • बलप्रदा
    • भाविनी
    • भव्य
    • भद्राकाली
    • भवानी
    • भवमोचनी
    • भवप्रीता
    • भव्य
    • ब्राह्मी
    • ब्रह्मवादिनी
    • बुद्धि
    • बुध्हिदा
    • चामुंडा
    • चंद्रघंटा
    • चंदामुन्दा विनाशिनी
    • चिन्ता
    • चिता
    • चिति
    • चित्रा
    • चित्तरूपा
    • दक्शाकन्या
    • दक्शायाज्नाविनाशिनी
    • देवमाता
    • दुर्गा
    • एककन्या
    • घोररूपा
    • ज्ञाना
    • जलोदरी
    • जया
    • कालरात्रि
    • किशोरी
    • कलामंजिराराजिनी
    • कराली
    • कात्यायनी
    • कौमारी
    • कोमारी
    • क्रिया
    • क्र्रूना
    • लक्ष्मी
    • महेश्वारी
    • मातंगी
    • मधुकैताभाहंत्री
    • महाबला
    • महातपा
    • महोदरी
    • मनः
    • मतंगामुनिपुजिता
    • मुक्ताकेशा
    • नारायणी
    • निशुम्भाशुम्भाहनानी
    • महिषासुर मर्दिनी
    • नित्या
    • पाताला
    • पातालावती
    • परमेश्वरी
    • पत्ताम्बरापरिधान्ना
    • पिनाकधारिणी
    • प्रत्यक्ष
    • प्रौढ़ा
    • पुरुषाकृति
    • रत्नप्रिया
    • रौद्रमुखी
    • साध्वी
    • सदगति
    • सर्वास्त्रधारिणी
    • सर्वदाना वाघातिनी
    • सर्वमंत्रमयी
    • सर्वशास्त्रमयी
    • सर्ववाहना
    • सर्वविद्या
    • सती
    • सत्ता
    • सत्य
    • सत्यानादास वरुपिनी
    • सावित्री
    • शाम्भवी
    • शिवदूती
    • शूलधारिणी
    • सुंदरी
    • सुरसुन्दरी
    • तपस्विनी
    • त्रिनेत्र
    • वाराही
    • वैष्णवी
    • वनदुर्गा
    • विक्रम
    • विमलौत्त्त्कार्शिनी
    • विष्णुमाया
    • वृधामत्ता
    • यति
    • युवती।

    ।।मां दुर्गा की आरती।।

    जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

    तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।। जय अम्बे गौरी,...।

    मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।

    उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी,...।

    कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

    रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी,...।

    केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

    सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अम्बे गौरी,...।

    कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

    कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।

    शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।

    धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी,...।

    चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।

    मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अम्बे गौरी,...।

    ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

    आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।। जय अम्बे गौरी,...।

    चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।

    बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अम्बे गौरी,...।

    तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

    भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अम्बे गौरी,...।

    भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।

    मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अम्बे गौरी,...।

    कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

    श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।

    अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।

    कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।। जय अम्बे गौरी,...।

    बोलो अंबे माता की जय!!

    यह भी पढ़ें: Jaya Parvati Vrat 2024: जीवनसाथी के साथ अनबन होगी दूर, जया पार्वती व्रत के दिन करें ये खास उपाय

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।