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    Maa Lakshmi Puja: इस विधि से करें महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ, दूर होगी आर्थिक तंगी

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Fri, 22 Dec 2023 07:00 AM (IST)

    Maa Lakshmi Puja शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। देवी की पूजा से जीवन में कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता है। धन की स्वामिनी को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई सारे उपाय बताए गए हैं। ऐसे में आज हम मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए एक ऐसे स्तोत्र को आपके साथ साझा करेंगे जिसका पाठ बहुत ही लाभकारी है -

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    Maa Lakshmi Puja: इस विधि से करें महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Maa Lakshmi Puja: माता लक्ष्मी की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन समर्पित है। कहा जाता है जिसपर मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं, उसके जीवन में कभी दरिद्रता का वास नहीं रहता है। धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई सारे उपाय और विधि बताई गई हैं।

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    ऐसे में आज हम मां लक्ष्मी की असीम कृपा पाने के लिए महालक्ष्मी स्तोत्र के साथ-साथ उनकी पूजा विधि आपको बताएंगे, जिसके पाठ से आपके घर में कभी पैसों की कमी नहीं रहेगी। तो आइए पढ़ते हैं -

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    ।।महालक्ष्मी स्तोत्र।।

    नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

    शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।

    सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।

    सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

    मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

    योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

    महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।

    परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।

    जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

    महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।

    सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।

    एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

    द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।

    त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।

    महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।

    पूजा अनुष्ठान

    • सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
    • घर और मंदिर को साफ-सुथरा करें।
    • माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
    • सबसे पहले बप्पा की पूजा करें।
    • इसके बाद माता लक्ष्मी को कुमकुम लगाएं।
    • मां को फूल अर्पित करें।
    • मखाने की खीर का भोग लगाएं।
    • कपूर की आरती से पूजन का समापन करें।

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।