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    Lord Shiva Puja: इन मंत्रों के साथ करें भगवान शिव की आरती, मिलेगी भोलेनाथ की पूर्ण कृपा

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Mon, 20 Nov 2023 06:00 AM (IST)

    Lord Shiva Puja सोमवार के दिन शिव मंदिर जाना बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है भगवान भोलेनाथ को बेल पत्र अति प्रिय है अगर उनकी पूजा में इसे शामिल किया जाए तो वे बेहद प्रसन्न होते हैं। हालांकि पूजा का समापन हमेशा शिव आरती (Lord Shiva Aarti) से ही करना शुभ माना गया है जो इस प्रकार है-

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    Lord Shiva Aarti- भगवान शिव की आरती

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Shiva Puja: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। सोमवार के दिन शिव पूजा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। क्योंकि ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यह दिन भोलेबाबा की पूजा के लिए समर्पित है, जो जातक इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं उनके जीवन से सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। इस दिन शिव मंदिर जाना भी बेहद शुभ माना गया है।

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    कहा जाता है, भगवान भोलेनाथ को बेल पत्र अति प्रिय है अगर उनकी पूजा में इसे शामिल किया जाए, तो वे बेहद प्रसन्न होते हैं। हालांकि पूजा का समापन हमेशा शिव आरती से ही करना शुभ माना गया है, जो इस प्रकार है-

    शिव मंत्र

    • शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

      ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

    • ॐ नमः शिवाय
    • ॐ शंकराय नमः
    • ॐ महादेवाय नमः
    • ॐ महेश्वराय नमः
    • ॐ श्री रुद्राय नमः
    • ॐ नील कंठाय नमः

    ''शिव आरती''

    जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।

    ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा

    एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

    हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा

    ॐ जय शिव ओंकारा

    सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥

    कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।

    ॐ जय शिव ओंकारा

    सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥

    श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे ।

    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

    प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा

    लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा ।

    पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा

    त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे ।

    कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।