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    Lord Ram: इन गुणों की वजह से भगवान राम कहलाए मर्यादा पुरुषोत्तम

    By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik Sharma
    Updated: Fri, 12 Jan 2024 02:42 PM (IST)

    भगवान राम जी को भगवान विष्णु के 10 अवतारों में 7वां अवतार माना जाता है। भगवान राम जी ने ऐसे अनेक काम किए हैं जिनके कार्यों की सराहना आज भी की जाती है। भगवान राम ने अपना पूरा जीवन एक मर्यादा में रहकर व्यतीत किया है। उनके आचरणों से यह सीख मिलती है कि परिवार में माता-पिता और भाई-बहन के साथ किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए।

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    Lord Ram: इन गुणों की वजह से भगवान राम कहलाए मर्यादा पुरुषोत्तम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Ram: रामायण से लोगों को जीवन जीने की सीख मिलती है। इस धार्मिक ग्रंथ में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है और माता सीता की पवित्रता का जिक्र किया गया है। भगवान राम जी को जगत के पालनहार भगवान विष्णु के 10 अवतारों में 7वां अवतार माना जाता है। भगवान राम जी ने ऐसे अनेक काम किए हैं, जिनके कार्यों की सराहना आज भी की जाती है।

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    भगवान राम ने अपना पूरा जीवन एक मर्यादा में रहकर व्यतीत किया है। भगवान राम के आचरणों से यह सीख मिलती है कि परिवार में माता-पिता और भाई-बहन के साथ किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए। कई लोगों को इस बात की जानकारी नही है कि आखिर क्यों भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है? तो चलिए हम आपको बताएंगे भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहलाए?

    भगवान राम में पाए जातें हैं ये गुण

    भगवान राम अपने गुणों की वजह से ही मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। भगवान राम एक महान राजा थे। उन्होंने दया, सत्य, सदाचार, मर्यादा, करुणा और धर्म का पालन किया। भगवान राम ने समाज के लोगों के सामने सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया था। इसी कारण से उनको मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।

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    बता दें कि भगवान राम में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं, जो आज के समय में हर इंसान में होना बेहद आवश्यक है। रामायण में उनके चरित्र और कामों का जिक्र किया गया है, जो उनके मौलिक मानवीय और आदर्शों को गुणों को प्रस्तुत करते हैं।

    सभी रिश्तों को दिल से निभाया

    भगवान राम के कई मित्र थे। हर वर्ग के व्यक्तियों और सभी जाति के साथ भगवान राम ने मित्रता की भूमिका निभाई। सभी रिश्तों को भगवान राम ने दिल से निभाया। चाहे वो निषादराज या विभीषण और केवट हो या सुग्रीव।

    इसके अलावा भगवान राम में दयालुता का भी गुण पाया जाता है। यह गुण हर व्यक्ति में होना चाहिए। उन्होंने अपनी दयालुता की वजह से मानव, पक्षी और दानव सभी को आगे बढ़ने का मौका दिया। रामायण में भगवान राम के चरित्र का जिक्र किया गया है, जो उन्हें धर्म के प्रति समर्पित इंसान के तौर पर प्रस्तुत करता है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'