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    Lord Krishna Temple: दशकों पुराना है मुरलीधर का यह मंदिर, जहां होती है कान्हा के अनोखे स्वरूप की पूजा

    भगवान कृष्ण के ऐसे कई मंदिर हैं जो रहस्यों और चमत्कारों से भरे हुए है। ऐसा ही एक श्रीकृष्ण मंदिर (Murli Manohar Temple) हैं जहां मूछोंवाले श्रीकृष्‍ण विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां पर जो भक्त भक्ति के साथ दर्शन करने के लिए आते हैं उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही सभी पापों का नाश होता है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 28 Nov 2024 02:50 PM (IST)
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    Lord Krishna Temple: यहां होती है मूछोंवाले श्रीकृष्‍ण की आराधना।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भगवान कृष्ण की पूजा का अपना एक विशेष महत्व है। आज हम कान्हा के एक ऐसे धाम की बात करेंगे, जो विभिन्न प्रकार के रहस्यों से भरा हुआ है। इस धाम में भक्त दूर-दूर से दर्शन की अभिलाषा लेकर आते हैं। यहां पर मूछोंवाले श्रीकृष्‍ण विराजमान हैं। बता दें, यह धाम पूर्ण रूप से कृष्ण जी को समर्पित हैं। मान्यता है कि इस मंदिर एक बार दर्शन से भक्तों के सभी कष्टों का अंत हो जाता है, तो चलिए इस मंदिर (Moustached Lord Krishna) के कुछ दिलचस्प रहस्यों के बारे में जानते हैं, जिसे जानकर आपको हैरानी होगी।

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    यहां होती है मूछोंवाले श्रीकृष्‍ण की आराधना

    यह चेन्नई का पार्थसारथी मंदिर है, जो तिरुवल्लीकेनी और ब्र‍िट‍िश दौर के ट्रिपलिकेन बीच में स्थित है। इसे मुख्य रूप से 8वीं शताब्दी में पल्लवों द्वारा बनाया गया था और बाद में इसका निर्माण विजयनगर के राजाओं ने किया था। इस धाम में मूछोंवाले श्रीकृष्‍ण (Murli Manohar Temple) की पूजा होती है। इसके अलावा भारत का यह इकलौता मंदिर (Ancient Krishna Temples) है, जहां पर कृष्‍ण जी को गीता के उपदेशक के रूप में पूजा जाता है, जिसकी झलक मंदिर में देखने को मिलती है।

    गंगा नदी से भी पवित्र है यहां के कुओं का जल

    आपको बता दें, इस रहस्यमयी धाम की नींव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम ने रखी थी। इसके साथ ही इसका नाम इसके आसपास के पवित्र तालाब से लिया गया है, जिसमें पांच पवित्र कुएं हैं। कहा जाता है कि इन चमत्कारी कुओं का जल गंगा नदी से भी ज्यादा पवित्र है।

    वहीं, इस मंदिर में भगवान श्री हरि व‍िष्‍णु के अन्‍य अवतारों की झलक भी मिलती है, जहां पर हर रोज भक्तों का भारी सैलाब उमड़ता है। कहते हैं कि जो भक्त इस मंदिर में अपनी अधूरी इच्छा लेकर आते हैं, उनकी वो सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।