Lord Krishna: श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय है यह पेड़, घर में लगाने से मिलते हैं ढेरों फायदे
भगवान कृष्ण को प्रभु श्री हरि का 8वां अवतार माना गया है। कई घरों में उनकी नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आप घर में भगवान श्री कृष्ण का प्रिय पेड़ लगाकर भी उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। तो चलिए हैं कि वह पेड़ कौन-सा है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में ऐसे कई पेड़-पौधे माने गए हैं, जिन्हें पूजनीय जाता है या फिर घर में लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा ही एक पेड़ है कदंब का पेड़, जिसे भगवान श्री कृष्ण का प्रिय पेड़ माना गया है। ऐसे में यदि आप अपने घर में इस पेड़ को लगाते हैं, तो इससे आपको शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसे लगाने की सही दिशा क्या है।
भगवान कृष्ण से है संबंध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने कदंब के पेड़ के नीचे कई लीलाएं दिखाई हैं। ऐसा माना गया है कि भगवान श्री कृष्ण ने कदंब के पेड़ के नीचे ही माता यशोदा को अपने मुख में पूरे ब्रह्मांड के दर्शन करवाए थे। कदंब के पेड़ की यह भी खासियत है कि वह सैकड़ों साल तक जीवित रहता है।
मिलते हैं ये लाभ
कदंब का फूल जितना सुंदर होता है, इसके लाभ भी उतने ही अधिक होते हैं। ऐसा माना गया है कि घर में कदंब का पेड़ लगाने से मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। कदंब के पेड़ को भगवान श्री कृष्ण का प्रिय पेड़ माना गया है, ऐसे में यदि इसे घर में लगाते हैं तो पूरे परिवार पर भगवान श्री कृष्ण की दया दृष्टि बनी रहती है। यह भी माना जाता है कि नहाने के पानी में कदंब का फूल डालकर स्नान करने से कुंडली में मौजूद गुरु दोष से निजात मिल सकती है।
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घर की इस दिशा में लगाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कदंब के पेड़ को घर में दक्षिण-पश्चिम या फिर पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए। आप घर के बाहर लगा सकते हैं, इसके साथ ही कदंब के पेड़ को अशोक के पेड़ के पास लगाना भी शुभ माना जाता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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