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    Lord Krishna: भगवान श्रीकृष्ण के कैसे हुए 16108 विवाह, जानिए पौराणिक कथा

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 03:31 PM (IST)

    Lord Krishna भगवान विष्णु के सभी अवतारों में से कृष्ण जी को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। शास्‍त्रों में श्री कृष्‍ण की लीलाओं के बारे में बहुत सी कहानियां बताई गई हैं। ये भी कहा गया है कि भगवान कृष्‍ण की 16108 पत्नियां थीं। इसके पीछे भी बहुत अद्भुत कथा मिलती है। आइए जानते हैं भगवान कृष्‍ण की 16108 पत्नियों की कथा।

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    Lord Krishna Wife भगवान श्रीकृष्ण के कैसे हुए 16108 विवाह।

    नई दिल्ली, अध्यात्म। Lord Krishna: भगवान श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु का ही अवतार हैं। उन्होंने प्रजा को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था। उनके जन्म के समय को पूरे भारतवर्ष में कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण से संबंधित कई कथाएं मिलती हैं। सबसे ज्यादा सवाल इस बात को लेकर उठते हैं कि क्या सच में भगवान श्री कृष्ण की 16108 पत्नियां थीं, तो चलिए जानते हैं इसका उत्तर।

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    ये हैं 8 पटरानियां

    सनातन धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की 8 पत्नियां थी। इनके नाम क्रमश: रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था। महाभारत के अनुसार रुक्मणी भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थी। श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनके साथ विवाह रचाया था। सूर्य पुत्री कालिन्दी, श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की कामना से तप किया। तब कालिन्दी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण ने उसके साथ विवाह किया।

    फिर वे एक दिन उज्जयिनी की राजकुमारी मित्रबिन्दा को स्वयंवर से हर लाए। उसके बाद कौशल के राजा नग्नजित के सात बैलों को एक साथ नाथ कर उनकी कन्या सत्या से विवाह किया। तत्पश्चात उनका कैकेय की राजकुमारी भद्रा से विवाह हुआ। भद्र देश की राजकुमारी लक्ष्मणा भी कृष्ण को चाहती थी, लेकिन परिवार कृष्ण से विवाह के लिए राजी नहीं था तब लक्ष्मणा को श्रीकृष्ण अकेले ही हर कर ले आए।

    कैसे हुआ 16,100 कन्याओं से विवाह

    पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार नरकासुर ने बलि देने के उद्देश्य से 16000 कन्याओं को बंदी बनाकर एक कारागार में डाल रखा था। तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया और उन सभी कन्याओं को कैद से मुक्त कराया। जब वह सभी अपने घर पहुची तो उनके परिवार वालों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया। तब श्री कृष्ण ने 16 हजार रूपों में प्रकट होकर एक साथ उनसे विवाह रचाया था।

    कई मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि जब इन कन्याओं के परिवारजनों ने इन्हें लोक-लाज के डर से अपनाने से मना कर दिया तो इन सभी ने मन-ही-मन भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मान लिया और उनकी भक्ति करने लगीं। 

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'