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    Longest day 2024: आज है साल का सबसे लंबा दिन, सूर्य देव की पूजा से मिलते हैं ढेरों लाभ

    Updated: Fri, 21 Jun 2024 10:55 AM (IST)

    इस साल भारत में साल का सबसे लंबा दिन 21 जून को रहने वाला है। इस दिन सूरज अन्य दिनों की तुलना में आसमान में अधिक ऊंचाई पर दिखाई देता है। इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर 15 से 16 घंटे तक रहती हैं जिस कारण सूर्यास्त देर में होता है और अन्य दिनों के मुकाबले दिन लंबा हो जाता है।

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    Longest day 2024 आज है साल का सबसे लंबा दिन। (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज यानी 21 जून को International Yoga Day 2024 मनाया जा रहा है। इसके साथ ही आज साल का सबसे लंबा दिन और साल की सबसे छोटी रात रहने वाली है। यह एक ऐसा दिन है, जब पृथ्वी सूरज के सबसे ज्यादा करीब होती है और सूर्य की किरणें भी धरती पर ज्यादा समय के लिए रहती हैं। उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन लगभग 20 से 22 जून के बीच पड़ता है। अंग्रेजी में इस दिन को समर सोलास्टिक कहा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस दिन का धार्मिक दृष्टि से क्या महत्व है।  

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    इस दिन का धार्मिक महत्व

    पंचांग के अनुसार इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति या फिर कर्क संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार, यह दिन सूर्य देवता की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन पृथ्वी का अक्षीय झुकाव सूर्य की ओर ज्यादा होता है, जिस कारण दिन की अवधि बढ़ जाती है। पंचांग के अनुसार 21 जून 2024 को सूर्योदय 05 बजकर 23 मिनट पर हुआ था। वहीं सूर्यास्त का समय 07 बजकर 22 मिनट रहेगा।

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    इसलिए नहीं बनती परछाई

    ऐसा माना जाता है कि इस दिन पर दोपहर के समय एक ऐसा पल होता है, जब परछाई नहीं बनती। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि इस दौरान सूर्य कर्क रेखा पर स्थित होता है, अर्थात सूर्य कर्क रेखा पर एकदम लंबवत हो जाता है, जिस कारण धरती पर उसका प्रकाश सीधा आता है और इसी कारण से परछाई बननी बंद हो जाती है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।