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    Lohri 2024: लोहड़ी के दिन रवि योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

    Lohri 2024 ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 15 जनवरी को देर रात धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अतः वर्ष 2024 में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इससे एक दिन पहले लोहड़ी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन संक्रांति तिथि संध्याकाल 08 बजकर 57 मिनट पर है। लोहड़ी के दिन सर्वप्रथम गर करण का निर्माण हो रहा है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 07 Jan 2024 12:49 PM (IST)
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    Lohri 2024: लोहड़ी के दिन रवि योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली । Lohri 2024: हर वर्ष सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इससे एक दिन पूर्व लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में लोहड़ी पर्व का विशेष महत्व है। सिख समुदाय के लोग हर्षोउल्लास के साथ लोहड़ी का पर्व मनाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति है। इससे एक दिन पूर्व यानी 14 जनवरी को लोहड़ी मनाया जाएगा। इस दिन रवि योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में लोहड़ी मनाने से कई गुना फल प्राप्त होगा। आइए, शुभ मुहूर्त एवं शुभ योग जानते हैं-

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    यह भी पढ़ें: 14 या 15 जनवरी, कब है मकर संक्रांति? नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व

    सूर्य राशि परिवर्तन

    ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 15 जनवरी को देर रात धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अतः वर्ष 2024 में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इससे एक दिन पहले लोहड़ी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन संक्रांति तिथि संध्याकाल 08 बजकर 57 मिनट पर है।

    शुभ योग

    लोहड़ी के दिन सर्वप्रथम गर करण का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 59 मिनट तक है। इसके बाद सुबह 10 बजकर 22 मिनट से रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट तक है। साथ ही वणिज करण का निर्माण संध्याकाल 06 बजकर 27 मिनट से हो रहा है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं, गोधूलि बेला शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक है।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 45 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 37 मिनट पर

    चंद्रास्त- शाम 09 बजकर 02 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 15 मिनट से 02 बजकर 57 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - शाम 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक

    गुलिक काल - शाम 03 बजकर 07 मिनट से 04 बजकर 26 मिनट तक

    दिशा शूल - पश्चिम

    यह भी पढ़ें: जानें, कब, कहां, कैसे और क्यों की जाती है पंचक्रोशी यात्रा और क्या है इसकी पौराणिक कथा?

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'