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    Lohri 2024 Katha in Hindi: क्यों मनाई जाती है लोहड़ी? जानें इसकी कथा

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sat, 13 Jan 2024 08:23 AM (IST)

    हर साल जनवरी के महीने में लोहड़ी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन सिख समुदाय के लिए अहम होता है। यह त्योहार हर साल मंक्रर संक्रांति से एक दिन पहले आता है। इस दिन आग का अलाव लगाया जाता है। फिर इसके बाद चारों तरफ लोग एकत्र होते हैं। लोहड़ी की कथा देवों के देव महादेव और मां पार्वती से संबंधित है।

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    Lohri 2024 Katha in Hindi: क्यों मनाई जाती है लोहड़ी? जानें इसकी कथा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lohri 2024 Katha in Hindi: हर साल जनवरी के महीने में लोहड़ी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन सिख समुदाय के लिए अहम होता है। यह त्योहार हर साल मंक्रर संक्रांति से एक दिन पहले आता है। इस दिन आग का अलाव लगाया जाता है। फिर इसके बाद चारों तरफ लोग एकत्र होते हैं और अग्नि में रेवड़ी, खील, गेहूं की बालियां और मूंगफली डालते हैं। चलिए जानते हैं इस पर्व की कथा-

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    लोहड़ी की कथा (Lohri ki Katha)

    लोहड़ी की कथा देवों के देव महादेव और मां पार्वती से संबंधित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वैदिक काल में मां पार्वती के अग्निकुंड में प्राण की आहुति देने के बाद लोहड़ी का पर्व मनाया गया। लोहड़ी की पौराणिक कथा है कि प्रजापति दक्ष भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह होने से खुश नहीं थे।

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    एक बार प्रजापति दक्ष ने महायज्ञ करवाया। इस यज्ञ में प्रजापति दक्ष ने भगवान शिव और पुत्री सती को आमंत्रण नहीं दिया। तब मां सती ने भगवान शिव से पिता के यज्ञ में जाने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने अनुमति भी मांगी। तब देवों के देव महादेव ने कहा कि महायज्ञ के आमंत्रण के बिना किसी के कार्यक्रम में जाना सही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में सम्मान की जगह अपमान होता है। इसके लिए आप महायज्ञ में न जाएं। लेकिन मां सती के न मानने पर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी।

    इसके बाद जब मां सती यज्ञ में शामिल होने के लिए पहुंची, तो वहां भगवान भोलेनाथ को लेकर अपमानजनक शब्द सुनकर बेहद दुखी हुई। तब मां सती अपने पिता प्रजापति दक्ष के द्वारा करवाया गया यज्ञ कुंड में समा गई। इसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष मां सती की याद में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है।

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    Author- Kaushik Sharma

    डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'