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Lakshmi Panchami 2024: लक्ष्मी पंचमी पर ऐसे करें धन की देवी को खुश, जानिए पूजन का सही नियम और शुभ मुहूर्त

ऐसा कहा जाता है कि जो जातक लक्ष्मी पंचमी (Lakshmi Panchami 2024) का व्रत रखते हैं उन्हें मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। लक्ष्मी पंचमी हिंदू पंचांग के पहले सप्ताह में पड़ती है। इस साल यह 12 अप्रैल को यानी आज मनाई जा रही है। लोगों का मानना ​​है कि धन की देवी की पूजा करने से धन और सौभाग्य को आकर्षित किया जा सकता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Fri, 12 Apr 2024 11:18 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2024 11:18 AM (IST)
Lakshmi Panchami 2024: आज मनाई जा रही है लक्ष्मी पंचमी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lakshmi Panchami 2024: लक्ष्मी पंचमी का व्रत हर साल पूरे समर्पण और भक्ति के साथ रखा जाता है। यह दिन धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि लक्ष्मी पंचमी पर देवी लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को अनंत समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। लक्ष्मी को श्री के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए, इस दिन को श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल यह पर्व 12 अप्रैल, 2024 को मनाया जाएगा।

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लक्ष्मी पंचमी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, लक्ष्मी पंचमी के दिन देवी लक्ष्‍मी की पूजा के लिए एक नहीं चार शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं।

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक

लाभ मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक

अमृत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 01 बजे तक।

लक्ष्मी पंचमी पूजन का सही नियम

इस दिन साधक जल्दी उठते हैं और पवित्र स्नान के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। इसके बाद वे माता लक्ष्मी स्त्रोत और मंत्रों का पाठ करते हैं और फिर देवी लक्ष्मी की मूर्ति को एक वेदी पर स्थापित करते हैं। फिर मां को पंचामृत से स्नान कराया जाता है। प्रतिमा पर माला, चावल, दूर्वा, केले के पत्ते, सुपारी, चंदन और नारियल आदि चढ़ाया जाता है।

आरती के साथ पूजा समाप्त होती है। पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराने का भी विधान है। व्रती अगले दिन सुबह प्रसाद खाकर अपने व्रत का पारण करते हैं।

लक्ष्मी पंचमी पर इन मंत्रों का करें जाप

  • पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्
  • ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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