Kuber Aarti: कुबेर आरती के साथ इस मंत्र का करें जाप, मिलेगा धन-धान्य का आशीर्वाद
Kuber Aarti धन संबंधी सभी कार्यों की जिम्मेदारी कुबेर जी के पास है। ऐसे में अगर किसी के जीवन में धन से जुड़ी मुश्किलें आती हैं तो देवी लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा सच्ची श्रद्धा और समर्पण (Kuber Puja) के साथ करनी चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो वे आपके ऊपर अपनी कृपा सदैव बनाए रखते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Kuber Aarti: भगवान कुबेर को धन का देवता कहा गया है। ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी ने धन संबंधी सभी कार्यों की जिम्मेदारी कुबेर जी को दे रखी है। ऐसे में अगर किसी के जीवन में धन से जुड़ी कोई समस्याएं आती हैं तो देवी लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा सच्चे दिल से करनी चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो वे आपके ऊपर अपनी कृपा सदैव बनाए रखते हैं।
यदि आपके जीवन में धन की कमी है, तो रोजाना भगवान कुबेर की पूजा करें और मंत्र जाप के बाद आखिर में घी के दीपक से आरती करें। ऐसा करने से श्री कुबरे जी प्रसन्न होते हैं और आपके घर को धन-धान्य से भर देते हैं। तो आइए यहां पढ़े कुबेर जी की आरती और मंत्र -
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कुबेर जी का मंत्र
''ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥''
भगवान कुबेर की आरती
''ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे।
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करे॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे।
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥''
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