Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कश्मीरी पंडितों की पवित्र कौसरनाग झील पर बनाई मस्जिद, अता की नमाज!

    By Edited By:
    Updated: Tue, 12 Aug 2014 04:18 PM (IST)

    पीरपंचाल की पहाड़ियों में समुद्रतल से करीब 4 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित कौसरनाग झील की तीर्थयात्रा को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि कश्मीरी पंडितों को राज्य सरकार ने सांप्रदायिक तनाव पैदा होने की आशंका के मद्देनजर यात्रा की अनुमति नहीं दी, लेकिन दक्षिण कश्मीर के युवक

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीरपंचाल की पहाड़ियों में समुद्रतल से करीब 4 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित कौसरनाग झील की तीर्थयात्रा को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि कश्मीरी पंडितों को राज्य सरकार ने सांप्रदायिक तनाव पैदा होने की आशंका के मद्देनजर यात्रा की अनुमति नहीं दी, लेकिन दक्षिण कश्मीर के युवकों के एक दल ने झील पर पहुंचकर एक अस्थाई मस्जिद का भी कथित तौर पर निर्माण कर लिया। हालांकि, अधिकारिक तौर पर कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस संदर्भ में बोलने को तैयार नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुलगाम जिले से लगभग दो दर्जन युवक गत दिनों कौसरनाग झील पर पहुंचे। उन्होंने झील के किनारे पत्थरों से करीब तीन से चार फुट ऊंची दीवार तैयार कर, उसके भीतर बैठकर नमाज अता की। इन युवकों ने अपनी इन तस्वीरों को इंटरनेट की विभिन्न सोशल साइटों पर भी अपलोड कर दिया।

    यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि कश्मीरी पंडितों के संगठन ने जुलाई के अंत में कौसरनाग यात्रा का आयोजन किया था। प्रशासन ने इस यात्रा की अनुमति भी दे दी थी, लेकिन अलगाववादियों और कश्मीर के कुछ मजहबी संगठनों के साथ साथ नेशनल कांफ्रेंस के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने अंतिम समय में यात्रा की अनुमति को रद कर दिया था। मजहबी और अलगाववादी संगठनों ने जहां कौसरनाग की कश्मीरी पंडितों की तीर्थयात्रा का कश्मीर में कश्मीरी मुस्लिमों के खिलाफ भाजपा की साजिश करार दिया था। वहीं, नेकां ने पर्यावरण बिगड़ने की आशंका जताते हुए इसका विरोध किया था। इस यात्रा के खिलाफ कश्मीर में अलगाववादियों ने बंद का भी आयोजन किया था जो कामयाब रहा था।

    पढ़े: 'विवाद के लिए उमर सरकार जिम्मेदार'

    अलगाववादियों के आगे झुकी उमर सरकार, कुलगाम से कौसरनाग यात्रा रद