जानें क्यों करवाये थे विष्णु जी ने माता लक्ष्मी को विराट रूप के दर्शन
एक बार भगवान विष्णु ने अपने विराट स्वरूप के दर्शन लक्ष्मी जी को करवाए थे लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया इस बारे में अलग-अलग पुराणों में भिन्न जानकारी मिलती है।
परम भक्तों को मिलते हैं दर्शन
पुराणों में उल्लेख मिलता है कि भगवान विष्णु ने अपने विराट स्वरूप के दर्शन लक्ष्मी जी को करवाए थे। हालांकि कि इस बारे में अलग-अलग पुराणों में अलग-अलग जानकारी मिलती है। भगवान विष्णु के परम भक्त नारद जी को भी उन्होंने अपने विराट स्वरूप के दर्शन दिए हैं। विश्वरूप या कहें भगवान विष्णु के विराट स्वरूप का उल्लेख भगवद्गीता के अध्याय 11 में है, जिसमें भगवान कृष्ण अर्जुन को कुरुक्षेत्र युद्ध में विश्वरूप दर्शन कराते हैं, लेकिन उन्होंने इस रूप में पहले भी अपने भक्तों को दर्शन दिए है।
इन्हें भी मिला पुण्य
ऊपर दिए नामों के अतिरिक्त कुछ अन्य लोगों को भी मिला है विराट स्वरूप के दर्शन का पुण्य। भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद के वंशज थे राजा बलि, जिनको भगवान विष्णु ने वामन अवतार में विराट स्वरूप के दर्शन दिए थे। द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण के रूप में भगवान विष्णु ने अवतार लिया तब उन्होंने अपनी मां यशोदा को भी इसी विराट स्वरूप में दर्शन दिए थे। महाभारत में दुर्योधन और विश्वरूप दर्शन वर्णित है। कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान अर्जुन को विराट रूप के दर्शन दिए।
भगवान के कुछ विशेष नाम
भगवान विष्णु के अन्य नाम : उग्र, शर्व, भगवत्, नारायण, कृष्ण, वैकुण्ठ, विष्टरश्रवस्, जिन, ह्रषिकेश, केशव, माधव, स्वभू, दैत्यारि, पुण्डरीकाक्ष, गोविन्द, गरुड़ध्वज, पीताम्बर, अच्युत, शार्गिं, विष्वक्सेन, जनार्दन, दामोदर, इन्द्रावरज, चक्रपाणि, चतुर्भुज, पद्मानाभ, मधुरिपु, भीम, त्रिविक्रम, देवकीनन्दन, शौरि, श्रीपति, पुरुषोत्तम, वनमालिन्, बलिध्वंसिन्, कंसाराति, अधोक्षज, विश्वम्भर, कैटभजित्, विधु, श्रीवत्सलाञ्छन, पुराणपुरुष, यज्ञपुरुष, नरकान्तक, जलशायिन्, मुकुन्द, उपेन्द्र, मुरमर्दन, राम, वामन, नरसिंह, वराह और भविष्य में होने वाला अवतार कल्कि यह अवतार भगवान विष्णु का ही अवतार है।
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