Hanuman Janmotsav 2023: इस वजह से भगवान राम के जन्म के 6 दिन बाद जन्मे थे परम भक्त हनुमान
Hanuman Janmotsav 2023 सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु के 7वें अवतार भगवान राम हैं। वहीं देवों के देव महादेव के 11वें रुद्र अवतार हनुमान जी हैं। धार्मिक मान्यता है कि राम जी की कृपा से समस्त मानव जन का कल्याण होता है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Hanuman Janmotsav 2023: हिंदी पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी मनाई जाती है। वहीं, चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस प्रकार आज हनुमान जन्मोत्सव है। इससे पहले 30 मार्च को रामनवमी थी। सनातन धार्मिक ग्रंथों की मानें तो रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ है। वहीं, चैत्र माह में पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ है। इस दिन भगवान राम परिवार संग हनुमान जी की श्रद्धा भाव से पूजा उपासना की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान राम के जन्म के 6 दिन बाद क्यों हनुमान जी का जन्म हुआ था ? आइए, इस बारे में सबकुछ जानते है-
सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्री हरि विष्णु के 7वें अवतार भगवान राम हैं। वहीं, देवों के देव महादेव के 11वें रुद्र अवतार हनुमान जी हैं। धार्मिक मान्यता है कि राम जी की कृपा से समस्त मानव जन का कल्याण होता है। साथ ही सभी बिगड़े काम बनते हैं। वहीं, राम जी के बिगड़े काम हनुमान जी बनाते हैं। इसकी चर्चा तुलसीदास ने अपनी रचना हनुमान चालीसा में की। उन्होंने हनुमान चालीसा में लिखा है-
‘भीम रूप धरि असुर संहारे
रामचंद्रजी के काज संवारे’
इसका अर्थ है कि असुरों के संहार के लिए हनुमान जी भीम रूप धारण करते हैं। वहीं, राम जी के काम को संवारते हैं। आसान शब्दों में कहें तो जब भगवान राम के काम बिगड़ते हैं, तो उसे हनुमान जी संभालते हैं। धर्म जानकारों का कहना है कि जब असुरों के संहार के लिए भगवान राम का मनुष्य रूप में जन्म हुआ, तो शिवजी चिंतित हो उठें। जब उन्हें कोई उपाय न सुझा।, तो स्वयं शिवजी ने हनुमान रूप में जन्म लिया। इसके लिए रामनवमी के छह दिन बाद हनुमान जी का जन्म हुआ है।
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