Ganesh Chaturthi 2021: जानिए, सौभाग्यवृद्धि के लिए गणेश चतुर्थी पर घर लाएं कैसी गणेश प्रतिमा
Ganesh Chaturthi 2021 प्रथम पूज्य भगवान गणेश का उत्सव कल 10 सितंबर से मनाया जाएगा। इस उत्सव में लोग अपने घरों और पण्ड़ालों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं।लेकिन गणेश प्रतिमा लाने और उसकी स्थापना के पहले हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Ganesh Chaturthi 2021:हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी का उत्सव कल, 10 सितंबर से मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन से लेकल अनंत चतुर्दशी के दिन तक भगवान गणेश के पूजन का विशेष विधान है। इस काल में लोग अपने घरों और पण्ड़ालों या मण्ड़लों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं, और पूरे विधि – विधान गणेश पूजन करते हैं। लेकिन गणेश प्रतिमा लाने और उसकी स्थापना के पहले हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जो हमें अशुभ से बचाएगा, साथ हमारे सुख और सौभाग्य में वृद्धि करेगा...
1-मिट्टी की बनी हुई गणेश प्रतिमा को सबसे शुभ माना जाता है, इसकी ही स्थापना करनी चाहिए। सोने, चांदी या अन्य किसी धातु की बनी मूर्ति की भी पूजा की जा सकती है। लेकिन पीओपी या प्लास्टिक जैसे पदार्थों से बनी मूर्ति का पूजन न करें।
2- नृत्य करते हुए या खड़े हुए तथा संहार की मुद्रा की गणेश प्रतिमा की स्थापना और पूजन नहीं करना चाहिए। ऐसी मूर्ति का पूजन विध्वसंकारी होता है, जो घर में कलेश को बढ़ाता है।
3- गणेश भगवान के बैठे हुए, अभय देते हुए स्वरूप की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। ऐसी मूर्ति आपके घर में सुख और सौभाग्य लेकर आता है और आपके जीवन के कष्टों को हर लेती है।
4- वाममुखी गणपति अर्थात जिनकी सूंड बांई और मुड़ी हुई हो ऐसी गणेश प्रतिमा की स्थापना और पूजन करना चाहिए। क्योंकि वाममुखी गणेश का पूजन सामान्य रूप से भी किया जा सकता है, जबकि दक्षिणामुखी गणेश की पूजा का विशेष विधि सी ही करनी चाहिए।
5- भगवान गणेश की सवारी मूषक है, बिना सवारी वाली गणेश प्रतिमा का पूजन पूर्ण फल प्रदान नहीं करता।
6- संतान प्राप्ति के लिए भगवान गणेश के बाल रूप का पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से शीघ्र ही मनोकामना की पूर्ति होती है।
7- भगवान गणेश की सफेद या सिंदूरी रंग की प्रतिमा का पूजन सुख और सौभाग्य दायक माना जाता है।
8- भगवान गणेश की ऐसी प्रतिमा की स्थापना नहीं करनी चाहिए, जो जनेऊ के रूप में नाग को धारण करते हों। ऐसी मूर्ति को शुभ नहीं माना जाता है।
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