क्या होता है पुष्य नक्षत्र, जानें किन चीजों के लिए शुभ होता है यह नक्षत्र
आज रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का अत्यंत दुर्लभ शुभ संयोग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इनमें से पुष्य नक्षत्र 8 वां नक्षत्र होता है। यह नक्षत्र बेहद ही शुभ और सुखद फल देने वाला होता है।
आज रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का अत्यंत दुर्लभ शुभ संयोग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इनमें से पुष्य नक्षत्र 8 वां नक्षत्र होता है। यह नक्षत्र बेहद ही शुभ और सुखद फल देने वाला होता है। इसे सबसे श्रेष्ठ और नक्षत्रों का राजा माना गया है। मान्यता है कि भगवान राम का जन्म भी पुष्य नक्षत्र में ही हुआ था। नक्षत्र हर रोज बदलते रहते हैं और हर दिन बदलने वाले नक्षत्र में पुष्य नक्षत्र भी शामिल है। हर 27वें दिन पुष्य नक्षत्र होता है। इसका नाम उसी आधार पर होता है जिस दिन यह आता है।
पुष्य नक्षत्र के जातकों का स्वभाव और भविष्य:
ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री ने बताया कि जिन जातकों का जन्म इस नक्षत्र में होता है लो बेहद मेहनती होते हैं। वह अपने दम पर जीवन जीते हैं। अपनी मेहनत की बदौलत धीरे-धीरे वह कामयाबी हासिल करते हैं। हालांकि, उन्हें कम उम्र में ही कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन इससे ही वो जल्दी परिपक्व और अंदर से मजबूत हो जाते हैं। इन्हें संयमित और व्यवस्थित जीवन जीना पसंद होता है।
किन चीजों के लिए शुभ होता है यह नक्षत्र:
इस नक्षत्र में मंत्र दीक्षा, उच्च शिक्षा ग्रहण, भूमि, क्रय-विक्रय, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना, यज्ञ अनुष्ठान और वेद पाठ आरंभ करना, गुरु धारण करना, पुस्तक दान करना और विद्या दान करना और विदेश यात्रा आरंभ करना श्रेष्ठ माना गया है।
ये शुभ कार्य पुष्य नक्षत्र में हैं वर्जित:
विवाह को छोड़कर अन्य कोई भी कार्य पुष्य नक्षत्र में किए जा सकते हैं। दरअसल, माता पार्वती ने श्राप दिया था जिसके चलते पुष्य नक्षत्र में विवाह करना अशुभ माना गया है।
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