जानिए 'राम' नाम की अमिट महिमा
हिन्दू धर्म के विभिन्न संप्रदायों में राम के नाम का कीर्तन या जप किया जाता है।
राम करुणा में हैं। राम शान्ति में हैं। राम एकता में हैं। राम प्रगति में हैं। राम शत्रु के चिंतन में हैं। राम तेरे मन में हैं, राम मेरे मन में हैं। राम तो घर घर में हैं। राम हर आंगन में हैं। इसलिए कहा गया है कि मन से रावण जो निकाले, राम उसके मन में हैं।
श्रीराम साक्षात् भगवान नारायण के मानव अवतार थे
श्रीराम साक्षात् भगवान नारायण के मानव अवतार थे। विद्वानों ने शास्त्रों के आधार पर राम के तीन अर्थ निकाले हैं। राम नाम का पहला अर्थ है 'रमन्ते योगिन: यस्मिन् राम:।' यानी 'राम' ही मात्र एक ऐसे विषय हैं, जो योगियों की आध्यात्मिक-मानसिक भूख हैं, भोजन हैं, आनन्द और प्रसन्नता के स्त्रोत हैं।
राम का दूसरा अर्थ है, 'रति महीधर: राम:।', 'रति' का प्रथम अक्षर 'र' है और 'महीधर' का प्रथम अथर 'म', राम। 'रति महीधर:' सम्पूर्ण विश्व की सर्वश्रेष्ठ ज्योतित सत्ता है, जिनसे सभी ज्योतित सत्ताएं ज्योति प्राप्त करती हैं।
' राम' नाम का का तीसरा अर्थ है, 'रावणस्य मरणं राम:'। 'रावण' शब्द का प्रथम अक्षर है 'रा' और 'मरणं' का प्रथम अक्षर है 'म'। रा+ म= राम यानी वह सत्ता, जिसकी शक्ति से रावण मर जाता है।
रामनाम का शाब्दिक अर्थ है - 'राम का नाम' । 'रामनाम' से आशय विष्णु के अवतार राम की भक्ति से है या फिर निर्गुण निरंकार परम ब्रह्म से। हिन्दू धर्म के विभिन्न संप्रदायों में राम के नाम का कीर्तन या जप किया जाता है। 'श्रीराम जय राम जय जय राम' एक प्रसिद्ध मंत्र है जिसे पश्चिमी भारत में समर्थ रामदास ने लोकप्रिय बनाया।
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