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    Rahu And Ketu: जानें राहू-केतु के बारे में, इनकी चाल बदलने से किस राशि में क्या पड़ेगा प्रभाव

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 19 Aug 2020 11:00 AM (IST)

    Rahu And Ketuसितंबर में राहू केतु की चाल बदलने जा रही है। 23 सितंबर से 12 अप्रैल तक यह मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करके रहेगा। मान्यता है कि पौराणिक ग्रंथों में राहु एक असुर ह

    Rahu And Ketu: जानें राहू-केतु के बारे में, इनकी चाल बदलने से किस राशि में क्या पड़ेगा प्रभाव

    Rahu And Ketu: सितंबर में राहू केतु की चाल बदलने जा रही है। 23 सितंबर से 12 अप्रैल तक यह मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करके रहेगा। मान्यता है कि पौराणिक ग्रंथों में राहु एक असुर हुआ करता था। जिसने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदे पी ली थी। सूर्य और चंद्रमा को तुरंत इसकी भनक लगी और सूचना भगवान विष्णु को दी। इसके पश्चात अमृत गले से नीचे उतर गया और भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। इस कारण उसका सिर अमरता को प्राप्त हो गया जो राहू कहलाया, धड़ केतु बना। सूर्य व चंद्रमा से राहु की शत्रुता का कारण भी यही माना जाता है। मान्यता है कि इसी शत्रुता के चलते राहु सूर्य व चंद्रमा को समय-समय पर निगलने का प्रयास करता है। इस कारण इन्हें ग्रहण लगता है।

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    ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बता रहे हैं कि राहू केतु की चाल बदलने से किस राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव।

    मेष: शुभ परिणामकारी रहेगा। साहस में वृद्धि होगी।

    वृष: आर्थिक जीवन प्रभावित होगा। परिवार में कलह।

    मिथुन: शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

    कर्क: विदेश यात्रा पर जाने की संभावना बन रही है।

    सिंह: शुभ रहेगा। आमदनी में इजाफा होगा।

    कन्या: कार्यक्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।

    तुला: राहु की दृष्टि किस्मत के सितारों को कमजोर करेगी।

    वृश्चिक: उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को फायदा होगा।

    धनु: व्यापार में नुकसान, लाइफ पार्टनर से मतभेद।

    मकर: कर्ज में वृद्धि हो सकती है। शत्रु हावी रहेंगे।

    कुंभ: संतान को परेशानियां हो सकती है। प्रेम जीवन में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

    मीन: माताजी को शारीरिक परेशानियों हो सकती है।

    उलटी चाल चलने वाला ग्रह है राहू-केतु:

    राहु केतु ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें ज्योतिषशास्त्र के तहत छाया ग्रहों का नाम दिया गया है। खगोलीय दृष्टि से भले ही ये दो ‘ग्रह’ ना माने गए हों लेकिन ज्योतिषशास्त्र में इन्हें महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान किया है। ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें शुरुआत से ही वक्री यानि उलटी चाल चलने वाला ग्रह माना जाता है। ग्रहों को मुख्य रूप से शुभ और क्रूर ग्रहों की श्रेणी में बांटा गया है। इनमें राहु-केतु को क्रूर ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। जब राहू और केतु की युति होती है तब जातक को बड़े परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वर्ष यानि 2020 राहू का साल है और इसी साल राहू केतु अपना राशि परिवर्तन करने जा रहा है, जो प्रमुख घटना है।

    डिस्क्लेमर-

    ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. ''