कौन हैं भगवान नृसिंह जानें उनके कुछ नाम
आज भगवान नृसिंह का अवतरण दिवस है जिसे उनकी जयंती के तौर पर मानाया जाता है। आइये जाने उनके बारे में कुछ विशेष बातें।
विपत्ति में रक्षक
नृसिंह यानि नर + सिंह (मानव-सिंह) को पुराणों में भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। जो आधे मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, जिनका सिर एवं धड तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे वे भारत में, खासकर दक्षिण भारत में वैष्णव संप्रदाय के लोगों द्वारा एक देवता के रूप में पूजे जाते हैं जो विपत्ति के समय अपने भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट होते हैं। वैसे उनके अवतरण के बारे में कही जाने वाली कथा के अनुसार अपने भक्त प्रह्लाद की उसके पिता हिरण्यकश्यप से रक्षा करने के लिए उन्होंने नृसिंह अवतार लिया था।
जानें नृसिंह के कुछ नाम
भगवान नृसिंह को कई नामों से संबोधित किया जाता है इनमें से उनके कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं। 1- नरसिंह, 2- नरहरि, 3- उग्र विर माहा विष्णु, 4- हिरण्यकश्यप अरी। नृसिंह की पूजा में इन नामों का जाप करने से कल्याण होने और जीवन से कष्टों के दूर रहने की बात कही जाती है।
नृसिंह प्रार्थना
कई मंत्रों में भगवान की विशेषताओं का वर्णन किया गया है, जिनका पाठ करने से आपको भय और शत्रुता से मुक्ति मिलती है। इसी तरह नृसिंह के बारे में कई तरह की प्रार्थनायें भी की जाती हैं। इनमे में से कुछ निम्नलिखित हैं।
'ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्', और 'नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्'। इनका अर्थ इस प्रकार है। हे क्रुद्ध एवं शूर-वीर महाविष्णु, तुम्हारी ज्वाला एवं ताप चतुर्दिक फैली हुई है। दूसरे का अर्थ है अहे नरसिंहदेव, तुम्हारा चेहरा सर्वव्यापी है, तुम मृत्यु के भी यम हो और मैं तुम्हारे समक्षा आत्मसमर्पण करता हूं।