जानें रामायण का कौन से किरदार हैं अमर, शास्त्रों में है जिक्र
पौराणिक कथाओं की मानें तो रामायण काल के कुछ किरदारों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है। हम आपको उन पांच किरदारों से मिलने जा रहे हैं जो आज भी जीवित हैं।
1- हनुमान जी
अंजनी पुत्र हनुमान को भी अजर अमर रहने का वरदान मिला हुआ है। रामायण काल में पवन पुत्र हनुमान भगवान राम के परम भक्त रहे हैं। हजारों वर्षों बाद वे महाभारत काल में भी नजर आते हैं। महाभारत में उनके कई प्रसंग भी मिलते हैं। जब अशोक वाटिका में हनुमान जी ने माता सीता को प्रभु श्री राम का संदेश सुनाया था तो माता सीता ने प्रसन्न होकर उन्हें अजर-अमर होने का वरदान दिया था।
2- परशुराम
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के छठें अवतार हैं परशुराम। परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका थीं। माता रेणुका ने पांच पुत्रों को जन्म दिया। जिनके नाम वसुमान, वसुषेण, वसु, विश्वावसु तथा राम रखे गए। राम ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। शिवजी तपस्या से प्रसन्न हुए और राम को अपना परशु दिया था। इसी वजह से राम परशुराम कहलाने लगे। चिरंजीवी होने के कारण राम के काल में भी थे। परशुराम ने 21 बार पृथ्वी से समस्त क्षत्रिय राजाओं का अंत किया था।
3- विभीषण
रामायण के बारे में थोड़ा बहुत भी जानते होंगे तो विभीषण का नाम तो सुना ही होगा। राक्षस राजा रावण का छोटा भाई था विभीषण। विभीषण श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। जब रावण ने माता सीता हरण किया था, तब विभीषण ने रावण को श्रीराम से शत्रुता न करने के लिए बहुत समझाया था। इस बात पर रावण ने विभीषण को लंका से निकाल दिया था। विभीषण श्रीराम की सेवा में चले गए और रावण के अधर्म को मिटाने में धर्म का साथ दिया। ये भी अमर माने जाते हैं।