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    Kharna Puja 2024: खरना पूजा में करें सूर्य देव के मंत्रों का जप, परिवार में आएगी खुशहाली

    Updated: Wed, 06 Nov 2024 07:30 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर छठ पूजा का विधान है। ऐसे में इस साल मंगलवार 05 नवंबर से लोक आस्था के महापर्व यानी छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना किया जाता है जिसमें व्यक्ति को स्वच्छता और शुद्धता का पूर्ण रूप से ख्याल रखना होता है।

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    Kharna 2024 खरना पर करें सूर्य देव के मंत्रों का जप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कहा जाता है कि छठी मैया का व्रत करने से साधक के साथ-साथ उसके परिवार को भी स्वास्थ्य और संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है। यह एक कठिन व्रत माना जाता है, क्योंकि इसमें 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है। छठ पर्व के दूसरे दिन यानी खरना पर सुबह से लेकर शाम तक उपवास किया जाता हैं। ऐसे में आप इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का जप कर सकते हैं।

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    करें इन मंत्रों का जप

    खरना को लेकर यह मान्यता है कि इसी दिन से छठी मैया साधक के घर में प्रवेश करती हैं। ऐसे में खरना पूजा के दौरान साधक को सूर्य को अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का जप करना चाहिए। इससे साधक को सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    • ‘एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर. घृणि सूर्याय नमः ।।’
    • ‘ॐ सूर्याय नम:।।’
    • ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:।।’
    • ‘ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।।’
    • ‘ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:।।’

    बनता है ये प्रसाद

    खरना के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जला व्रत किया जाता है। इस दिन शाम के समय छठी मैया की पूजा के लिए प्रसाद मुख्य रूप से गुड़ और चावल की खीर तैयार की जाती है, जिसे मिट्टी के नए चूल्हे पर बनाया जाता है। इस खीर को ग्रहण करने के बाद फिर से निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।

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    इन बातों का रखें खास ख्याल

    खरना का प्रसाद बनाते समय शुद्धता का पूर्ण रूप से ख्याल रखना चाहिए, अन्यथा आपका व्रत खंडित हो सकता है। इस दिन स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र पहनने के बाद ही प्रसाद तैयार करना चाहिए। प्रसाद बनाने के लिए भी नए बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए। छठी मैया को भोग लगाने के बाद जरूरतमंद लोगों को भी प्रसाद बांटें। ऐसा करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।