Kharmas 2025: होली से हो रही है खरमास की शुरुआत, इस तरह करें सूर्य देव को प्रसन्न
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हालांकि यह अवधि सूर्य देव की पूजा-अर्चना करना काफी शुभ मानी गई है। ऐसे में इस अवधि में रोजाना सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देना काफी लाभदायक माना जाता है। आप खरमास में सूर्य देव के मंत्रों (Surya Dev ke Mantra) का जप करके भी शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से खरमान एक महत्वपूर्ण अवधि है। जब सूर्यदेव का गोचर बृहस्पति की राशियों यानी धनु या फिर मीन में होता है, तब से ही खरमास की शुरुआत होती है। सूर्य देव कुंभ राशि में 13 मार्च 2025 तक रहने वाले हैं, इसके बाद वह 14 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इस प्रकार 4 मार्च 2025 से खरमास शुरु होगा।
सूर्य देव के मंत्र -
ॐ घृणि सूर्याय नम:।
ॐ मित्राय नमः।
ॐ रवये नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ खगाय नमः।
ॐ पूष्णे नमः।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
ॐ मरीचये नमः।
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सवित्रे नमः।
ॐ अर्काय नमः।
ॐ भास्कराय नमः।
बीज मंत्र -
ऊँ ह्राँ ह्रीँ ह्रौँ स: सूर्याय नम:।
सूर्य गायत्री मंत्र -
ॐ आदित्याय विद्महे, प्रभाकराय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्॥
प्रातः सूर्य स्मरण मंत्र -
प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं
रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं
ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्॥
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कैसे करें सूर्य देव की पूजा
खरमास के दौरान सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से मुक्त हो जाएं। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल और रोली डालें। अब सूर्य देव को अर्घ्य दें और इस दौरान ॐ सूर्याय नम: का जप भी करते रहें। इसके साथ ही आप सूर्य देव के मंत्र और सूर्य चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इससे साधक को सूर्य देव की असीन कृपा की प्राप्ति होती है, जिससे कार्यक्षेत्र में लाभ के योग बनते हैं।
कर सकते हैं ये कार्य
खरमास में अधिक लाभ प्राप्ति के लिए सूर्य देव की पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य करना भी लाभकारी माना गया है। खरमास में आप अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों व जरूरतमंद लोगों को अन्न और धन का दान कर सकते हैं। इसी के साथ इस अवधि में घर में भगवत गीता या सत्यनारायण की कथा का आयोजन करना भी काफी शुभ माना जाता है। इससे देवी-देवताओं की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।
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