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    Kharmas 2022: खरमास में नहीं किए जाते हैं मांगलिक कार्य, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या नहीं

    By Shantanoo MishraEdited By:
    Updated: Fri, 16 Dec 2022 11:45 AM (IST)

    Kharmas 2022 आज यानि 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो चुका है। मान्यता है कि इस मास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि जब सूर्य वृश्चिक से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगा जाता है।

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    Kharmas 2022 : खरमास में क्यों लग जाता है मांगलिक कार्यों पर रोक?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Kharmas 2022: पौष मास में आज यानि 16 दिसंबर के दिन सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में आज से खरमास शुरू हो जाएगा। शास्त्रों में बताया गया है कि खरमास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है और इसका समापन मकर संक्रांति पर होता है। इस दौरान करीब एक महीने तक सूर्य देव धनु राशि में विराजमान रहेंगे। पंचांग के अनुसार 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास रहेगा। खरमास के दौरान व्यक्ति को विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे वः कई प्रकार की समस्याओं से दूर रह सकता है। आइए जानते हैं क्यों लग जाती है खरमास में मांगलिक कार्यों में पाबंदी और इस दौरान क्या करें और क्या नहीं।

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    खरमास में क्यों लग जाती है मांगलिक कार्यों में पाबंदी?

    शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य देव जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब गुरु ग्रह का बाल कमजोर हो जाता है। जबकि इन दोनों ग्रहों को मांगलिक कार्यों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में खरमास की अवधि में किए गए मांगलिक कार्यों का प्रभाव कम हो जाता है और भविष्य में व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

    खरमास में क्या करें और क्या नहीं

    • शास्त्रों में बताया गया है कि खरमास में किसी भी प्रकार का नया व्यवसाय शुरू नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में शुरू किए गए कार्यों पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।

  • जबकि खरमास में सूर्य देव की पूजा प्रतिदिन करें और नियमित स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। पौष मास में ऐसा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

  • शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि खरमास में बड़े-बुजुर्ग व अपने माता-पिता का अनादर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव क्रोधित हो जाते हैं और व्यक्ति को समस्याओं का समान करना पड़ता है।

  • जबकि इस दौरान नितदिन उनकी सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें। मान्यता है कि खरमास में माता-पिता को प्रसन्न करने से कुंडली में सूर्य और चंद्र प्रसन्न होते हैं और जातक सुख-सुविधाओं का आनन्द भोगता है।

  • डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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