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    Bhog Lagane ke Niyam: ईश्वर को भोग लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान, घर में बनी रहेगी सुख और समृद्धि

    Bhog Lagane ke Niyam शास्त्रों में पूजा के नियम विस्तार से बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से साधक पर ईश्वर की कृपा-दृष्टि बनी रहती है। उनकी कृपा से साधक के जीवन में केवल मंगल ही मंगल होता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 15 Jun 2023 02:48 PM (IST)
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    Bhog Lagane ke Niyam: ईश्वर को भोग लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान, बनी रहेगी घर में सुख-समृद्धि

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Bhog Lagane ke Niyam: सनातन धर्म में ईश्वर प्राप्ति हेतु भक्ति मार्ग का विधान है। भक्ति मार्ग के जरिए व्यक्ति अल्प समय में ही ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। भगवान की पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से अपने आराध्य की पूजा भक्ति करते हैं। शास्त्रों में ईश्वर पूजा के नियम विस्तार से बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से साधक पर ईश्वर की कृपा-दृष्टि बनी रहती है। उनकी कृपा से साधक के जीवन में केवल मंगल ही मंगल होता है। अगर आप भी भगवान का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो भगवान को भोग लगाते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं-

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    सात्विक भोग

    भगवान को सात्विक भोग अति प्रिय है। इसके लिए गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके पश्चात, साफ कपड़े पहनें और भगवान के लिए भोग तैयार करें। भोजन पकाते समय ईश्वर का ध्यान करना चाहिए। जगत के पालनहार भगवान विष्णु को खिचड़ी अति प्रिय है। अतः खिचड़ी बनाकर भगवान को भोग लगाएं।

    जूठा भोग

    भगवान को भूलकर जूठा भोग नहीं लगाना चाहिए। इससे भगवान अप्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए फल, मिठाई या भोजन से पहले ही भोग के लिए प्रसाद निकाल कर अलग रख लें। पूजा के बाद भगवान को भोग लगाएं। पूजा संपन्न होने के बाद परिवार के सदस्यों के मध्य प्रसाद वितरित कर दें।

    इस मंत्र का करें उच्चारण

    कुछ लोग भगवान को भोग लगाते समय कुछ नहीं बोलते हैं। भक्ति भाव से भोग लगाते हैं। हालांकि, सनातन धर्म में ईश्वर भक्ति हेतु मंत्र उच्चारण का विधान है। अतः भोग लगाते समय भी मंत्र का उच्चारण किया जाता है। इसके लिए भगवान को भोग लगाते समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें-

    त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।

    गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।

    जगत के पालनहार भगवान विष्णु को खीर, खिचड़ी और सूजी के हलवे का भोग लगाएं। वहीं, धन की देवी माता लक्ष्मी को खीर और सफेद मिठाई का भोग लगाएं। भगवान विष्णु को खीर या सूजी के हलवे में तुलसी के पत्ते रखकर भोग लगाएं। जबकि, देवों के देव महादेव को भांग, धतुरा और पंचामृत का भोग लगाएं।

    डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '