Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Karthigai Deepam 2023: आज है कार्तिगई दीपम उत्सव, जानें इस दिन क्यों जलाया जाता है 365 बातियों वाला दीया ?

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sun, 26 Nov 2023 09:41 AM (IST)

    Karthigai Deepam 2023 कार्तिगई दीपम उत्सव पर लोग खूब सारे दीये जलाते हैं। अपने घरों को सजाते हैं और इस विशेष दिन पर लोग भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद मांगते हैं। कार्तिगाई दीपम प्रकाश का त्योहार है जो पूरे भारत में भव्यता के साथ मनाया जाता है। इसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में प्राचीन तमिल लोगों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना गया है।

    Hero Image
    Karthigai Deepam 2023: कार्तिगई दीपम उत्सव कैसे मनाया जाता है?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Karthigai Deepam 2023: कार्तिगई दीपम उत्सव का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। यह उत्सव दक्षिण भारत में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व का लोग हर साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है और इस दिन लोग मिट्टी के दीये जलाकर भगवान कार्तिकेय के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। इस साल यह महापर्व 26 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन यानी आज मनाया जाएगा।

    कार्तिगई दीपम उत्सव का महत्व

    कार्तिगई दीपम उत्सव पर लोग खूब सारे दीये जलाते हैं। अपने घरों को सजाते हैं और इस विशेष दिन पर लोग भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद मांगते हैं। कार्तिगाई दीपम प्रकाश का त्योहार है, जो पूरे भारत में भव्यता के साथ मनाया जाता है। इसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में प्राचीन तमिल लोगों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना गया है।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भक्त गंगा नदी में पवित्र डुबकी भी लगाते हैं।उत्तर भारत में इस पर्व को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पूजा करने के बाद अंत में लोग शाम के समय दीपम समारोह का आयोजन करते हैं, जिसे खुशी और उत्साह से मनाया जाता है और इसका विशेष महत्व है।

    कार्तिगई दीपम पर्व कैसे मनाया जाता है?

    • इस शुभ दिन पर लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
    • अपने- अपने घरों की सफाई करें।
    • भगवान के स्वागत के लिए घरों को फूलों से सजाएं।
    • भगवान के सामने दीपक जलाएं।
    • इस दिन व्रत रखने का भी विधान हैं, जिसे शाम को पूजा के बाद खोला जाता है।
    • इस दिन आंध्र प्रदेश में लोग नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए 365 बातियों वाला एक बड़ा दीपक भी जलाते हैं।
    • इस दिन कार्तिक पुराण भी पढ़ा जाता है।

    यह भी पढ़ें : Ganga Snan 2023: इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा पर किया जाता है गंगा स्नान, जानें पूजा विधि-मंत्र और महत्व

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'