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    Kark Sankranti 2024: इस दिन मनाई जाएगी कर्क संक्रांति, इन नियमों का जरूर करें पालन

    Updated: Fri, 28 Jun 2024 12:16 PM (IST)

    सूर्य पूरे साल एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। उनके इस गोचर को संक्रांति कहा जाता है। वर्तमान में वह मिथुन राशि में विराजमान हैं और जल्द ही कर्क राशि में गोचर करने वाले हैं। उनके इस परिवर्तन को कर्क संक्रांति के नाम से जाना जाता है तो आइए इस अवसर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

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    Kark Sankranti 2024: कर्क संक्रांति के दिन इन नियमों का करें पालन

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में कुल 30 दिनों में प्रवेश करते हैं। जल्द ही वह मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। उनके इस परिवर्तन को कर्क संक्रांति (Kark Sankranti 2024) कहा जाता है। इस दिन लोग भगवान सूर्य की पूजा करते हैं।

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    ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस शुभ समय पर सूर्य पूजन करते हैं और विधि अनुसार अर्घ्य देते हैं उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है, तो आइए इस दिन का शुभ मुहूर्त और नियम जानते हैं।

    ऐसे करेंगे भगवान सूर्य राशि परिवर्तन

    हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान सूर्य 16 जुलाई को प्रात: 11 बजकर 29 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में प्रवेश के समय 19 जुलाई को पुष्य नक्षत्र, 2 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र और 16 अगस्त को मघा नक्षत्र में गोचर करेंगे। इसके अलावा इसी दिन यानी 16 अगस्त को सूर्य देव स्वराशि सिंह में भी गोचर करेंगे।

    कर्क संक्रांति के दिन इन नियमों का करें पालन

    इस शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठें। घर की साफ-सफाई का ध्यान रखें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन महापुण्य काल में स्नान करना चाहिए, जो लोग गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं वे घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं। इस दान-पुण्य करना चाहिए। इस तिथि पर तामसिक भोजन से परहेज करें। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें अर्घ्य देना चाहिए।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संक्रांति का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है, इस मौके पर पवित्र जल में स्नान करने और दान करने से सभी पाप मिट जाते हैं। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।