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    Kanwar Yatra 2024: इस दिन से शुरू होगी कांवड़ यात्रा, भूलकर भी न करें ये गलतियां

    Updated: Sat, 20 Jul 2024 09:36 AM (IST)

    इस साल कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई से होगी। यह पवित्र यात्रा भक्तों की अटूट आस्था और शुभता का प्रतीक है। यह हर साल सावन के पहले दिन शुरू होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस यात्रा में शामिल होते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही उन्हें भोलेनाथ का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    कांवड़ यात्रा के दौरान घर के लोग न करें ये गलतियां

     धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा बेहद पुण्यदायी तीर्थयात्रा मानी जाती है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखती है। यह यात्रा आमतौर पर सावन के पहले दिन शुरू होती है। इस साल इसकी शुरुआत 22 जुलाई, 2024 दिन सोमवार से हो रही है, जो अपने आप में बेहद शुभ है। इस आध्यात्मिक यात्रा में गंगा नदी से पवित्र जल लाना और इसे शिव मंदिरों, मुख्य रूप से बैद्यनाथ, झारखंड और हरिद्वार, उत्तराखंड के मंदिर में चढ़ाना शामिल है।

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    हालांकि आप किसी भी शिव धाम जाकर यह दिव्य यात्रा पूर्ण कर सकते हैं। वहीं, जब कांवड़ यात्रा शुरू होने ही वाली है, तो चलिए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लेते हैं।

    कांवड़ यात्रा के दौरान घर के लोग न करें ये गलतियां

    • ऐसा कहा जाता है कि यदि आपके घर से कोई कांवड़ यात्रा पर गया है, तो आपको सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए। साथ ही खाने में छौंक लगाने से भी बचना चाहिए।
    • तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।
    • पलंग पर नहीं सोना चाहिए।
    • ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करना चाहिए, ताकि जो कांवड़ यात्रा पर गया हो, उसकी यात्रा सफल हो सके।
    • प्रतिदिन घर में कीर्तन का आयोजन करना चाहिए।
    • भगवान शिव के समक्ष रोजाना दीया जलाना चाहिए।
    • इसके अलावा सावन माह के दौरान किसी भी गलत कार्य को करने से बचना चाहिए।

    कांवड़ यात्रा का धार्मिक महत्व

    कांवड़ यात्रा सिर्फ एक तीर्थयात्रा से कहीं अधिक है, यह आस्था, भक्ति और तपस्या की यात्रा है। भगवान शिव के भक्तों का मानना ​​है कि सावन माह के दौरान भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करने से उनके आशीर्वाद के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही परिवार की उन्नति होती है। बता दें, यह यात्रा भक्तों की अटूट आस्था और भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद पाने की उनकी इच्छा का भी प्रतीक है।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।