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    Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी व्रत रखने से नहीं प्राप्त होती है कुयोनि, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Fri, 07 Jul 2023 04:43 PM (IST)

    Kamika Ekadashi 2023 हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं का अनुसार भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित एकादशी व्रत रखने से जीवन में अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है। पंचांग के अनुसार श्रावण कृष्ण पक्ष की एकदशी के दिन कामिका एकादशी व्रत रखा जाएगा।

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    Kamika Ekadashi 2023: कब रखा जाएगा सावन मास का पहला एकादशी व्रत?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Kamika Ekadashi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है। जिसका अर्थ है कि चार महीने भगवान विष्णु योग निद्रा में रहेंगे। लेकिन चातुर्मास की अवधि में पूजा-पाठ, व्रत इत्यादि का विशेष महत्व है। बता दें कि सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन चातुर्मास का दूसरा एकदशी व्रत अर्थात कामिका एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं और व्यक्ति को कुयोनि प्राप्त नहीं होती है। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा सावन मास का प्रथम एकादशी व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व?

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    कामिका एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 12 जुलाई को शाम 05 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी। साथ ही इस तिथि का समापन 13 जुलाई को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में कामिका एकादशी 13 जुलाई 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। पंचांग में बताया गया है कि एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी 14 जुलाई सुबह 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 18 मिनट के बीच किया जा सकेगा।

    कामिका एकादशी व्रत का महत्व

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु को समर्पित कामिका एकादशी व्रत रखने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही एकादशी व्रत के दिन विधिवत पूजा-पाठ करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस विशेष दिन पर दान-धर्म का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, धन या वस्त्र का दान करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके विशेष दिन पर तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी का स्पर्श भूलकर भी ना करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।