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    Kalashtami 2024: सावन माह में कब मनाई जाएगी कालाष्टमी? नोट करें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

    मासिक कालाष्टमी का व्रत अपने आप में विशेष माना गया है। साधक इस दिन भैरव बाबा की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त काल भैरव की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं वे उनकी सदैव रक्षा करते हैं। साथ ही भय और बाधाओं को दूर करने में उनकी मदद करते हैं। इस माह यह पर्व 28 जुलाई को मनाया जाएगा।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 15 Jul 2024 04:08 PM (IST)
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    Kalashtami 2024: मासिक कालाष्टमी की पूजा विधि -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कालाष्टमी को सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। यह पावन दिन भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि कालाष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस शुभ समय में पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें दुख-दरिद्रता से छुटकारा मिलता है।

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    इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार कालाष्टमी (Kalashtami 2024) 28 जुलाई, 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

    मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, 27 जुलाई, 2024 को अष्टमी तिथि रात 9 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसकी समाप्ति 28 जुलाई, 2024 को रात 7 बजकर 27 पर होगी। सनातन धर्म में उदयातिथि मान्य है। इसलिए पंचांग को देखते हुए इस माह यह पर्व 28 जुलाई को मनाया जाएगा।

    मासिक कालाष्टमी की पूजा विधि

    व्रती सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े धारण करें। अपने पूजा कक्ष को अच्छी तरह से साफ करें। एक वेदी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत से उनका अभिषेक करें। उन्हें इत्र लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।

    चंदन का तिलक लगाएं। फल, मिठाई, घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भाव के साथ करें। आरती से पूजा को समाप्त करें। आखिरी में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं और उनकी मदद करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।