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    Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर इस विधि से करें भगवान काल भैरव की पूजा, नोट करें सामग्री लिस्ट और प्रिय भोग

    Updated: Fri, 28 Jun 2024 09:24 AM (IST)

    हिंदू धर्म के सबसे शुभ पर्वों में से एक कालाष्टमी (Kalashtami 2024) है। यह दिन पूरी तरह से भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर साधक कठिन उपवास का पालन करते हैं। साथ ही भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। भैरव बाबा की पूजा से जीवन की सभी नकारात्मकता को दूर किया जा सकता है।

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    Kalashtami 2024: पूजा विधि और सामग्री लिस्ट -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कालाष्टमी का दिन सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। यह दिन भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र दिन पर भैरव बाबा की पूजा के साथ उनके लिए उपवास जरूर करना चाहिए।

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    ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस बार कालाष्टमी (Kalashtami 2024) 28 जून, 2024 यानी आज मनाई जा रही है।

    कालाष्टमी 2024 तिथि और समय

    अष्टमी की शुरुआत - 28 जून 2024 शाम 04 बजकर 27 मिनट से

    अष्टमी तिथि का समापन - 29 जून 2024 दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक।

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    पूजा विधि

    • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
    • अपने घर और विशेषकर मंदिर को अच्छे से साफ करें।
    • एक वेदी लें और उस पर भगवान काल भैरव की प्रतिमा स्थापित करें।
    • उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
    • फल, फूल, मिठाई आदि चीजें अर्पित करें।
    • सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
    • काल भैरव अष्टक का पाठ करें और भैरव मंत्रों का जाप करें।
    • रात्रि में जागरण यानी भजन-कीर्तन करें।
    • व्रती अगले दिन सुबह पूजा के बाद अपना व्रत खोलें।
    • तामसिक चीजों से परहेज करें।
    • किसी के साथ विवाद करने से बचें।
    • बड़ों का अपमान न करें।

    प्रिय भोग

    घर में बनी मीठी रोटी, बेसन का हलवा व मालपुआ।

    पूजन सामग्री लिस्ट

    बेलपत्र, दूध, ऋतु फल, फूल, धूप, गंगाजल, शुद्ध जल, चंदन, काला कपड़ा, अक्षत, सरसों का तेल, मिट्टी का दीपक आदि।

    मंत्र

    ॐ कालभैरवाय नम:।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।