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    Somvati Amavasya 2024: कब है साल की अंतिम अमावस्या? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    Updated: Mon, 02 Dec 2024 10:26 AM (IST)

    पौष माह की अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार हर महीने में अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के संग पितरों की उपासना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस बार पौष माह में सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।

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    Somvati Amavasya 2024: कब मनाई जाएगी सोमवती अमावस्या

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही पूर्वजों की कृपा प्राप्ति के लिए पितरों की उपासना करने का विधान है। वर्ष की अंतिम अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, तो ऐसे में इस दिन भगवन शिव की पूजा की जाएगी। ऐसी मान्यता है कि आराधना करने से जातक के जीवन में आ रहे सभी तरह के दुख और संकट दूर होते हैं। इसके अलावा पवित्र नदी में स्नान, दान और जप-तप सभी पापों से छुटकारा मिलता है। वर्ष 2024 के अंत में सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या (Kab Somvati Amavasya 2024) की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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    सोमवती अमावस्या 2024 डेट और टाइम (Somvati Amavasya 2024 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरूआत 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट से होगी है। वहीं, इस तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में 30 दिसंबर को (Somvati Amavasya 2024 Kis Din Hai) सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।  

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 59 मिनट तक

    अमृत काल-  शाम 05 बजकर 24 मिनट से 07 बजकर 02 मिनट तक

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    सोमवती अमावस्या पूजा विधि (Somvati Amavasya Puja Vidhi)

    सोमवती अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। दीपक जलाकर भगवान शिव, भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करें। फल, फूल और धूप चढ़ाएं। देसी घी का दीपक जलाकर विधिपूर्वक आरती करें। विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें। फल, मिठाई, दूध और दही समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें। इस दिन श्रद्धा अनुसार गरीब या मंदिर में अन्न, धन और गर्म वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है।

    सोमवती अमावस्या पूजा सामग्री लिस्ट (Somvati Amavasya Puja Samagri List)

    भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और शिव परिवार की प्रतिमा या तस्वीर, गंगाजल, दूध, दही, शहद, देसी घी, पूजा के बर्तन, पूजा का थाल, चंदन, दीपक, धूप, फल, मौसमी फल, मिठाई, नैवेद्य आदि।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।