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    Rama Ekadashi 2024 Bhog List: भगवान विष्णु को लगाएं ये भोग, दूर होगी घर की दरिद्रता

    रमा एकादशी ( Rama Ekadashi 2024) का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। इस व्रत को रखने से सुख-समृद्धि और खुशी में वृद्धि होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से सभी दुखों का नाश होता है। साथ ही श्री हरि का आशीर्वाद मिलता है तो चलिए इस दिन का शुभ मुहूर्त और भगवान विष्णु के प्रिय भोग के बारे में जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 20 Oct 2024 02:19 PM (IST)
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    Rama Ekadashi Bhog List: भगवान विष्णु को चढ़ाएं ये भोग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रमा एकादशी को बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। पंचांग के अनुसार, एकादशी हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है, ऐसी मान्यता है कि जो इस तिथि (Rama Ekadashi 2024) पर उपवास रखने और पूजा-अर्चना करने से सुख- शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है। वहीं, इस शुभ अवसर भगवान विष्णु को उनका प्रिय प्रसाद अवश्य अर्पित करें, इससे घर में बरकत आती है।

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    भगवान विष्णु को चढ़ाएं ये भोग (Rama Ekadashi Bhog List)

    रमा एकादशी के शुभ अवसर पर पीली मिठाई, ऋतु फल, नारियल, केसर की खीर और बेसन का हलवा आदि का भोग भगवान विष्णु को जरूर लगाएं। साथ ही श्री हरि की पूजा और प्रसाद में तुलसी दल अवश्य शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि इससे विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है, लेकिन भोग को बनाते समय पवित्रता का खास ख्याल रखें और स्नान के बाद ही प्रसाद को तैयार करें।

    वहीं, भोग को अर्पित करते समय इस मंत्र'' त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।'' का जाप अवश्य करें।

    रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त (Rama Ekadashi Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर होगा। वैष्णव समाज के लोग 28 अक्टूबर को रमा एकादशी का व्रत रखेंगे और सामान्य लोग 28 अक्टूबर को इस व्रत का पालन करेंगे। हैं। वहीं, इसका पारण 29 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 44 मिनट के बीच किया जाएगा।

    रमा एकादशी मंत्र

    1. ॐ नमोः नारायणाय ।

    2. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ।

    3. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।

    विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।

    लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म ।

    वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।