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    Jyeshtha Purnima Vrat 2023: 03 या 04 जून कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत? यहां जानिए सही तिथि

    Jyeshtha Purnima 2023 हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान दान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ लाभ मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 29 May 2023 06:47 PM (IST)
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    Jyeshtha Purnima Vrat 2023: जानिए कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत?

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Jyeshtha Purnima Vrat 2023: सनातन संस्कृति में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही विशेष माना जाता है। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा महीने का अंतिम दिन होता है और इस दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और दुखों का नाश होता है। साथ ही इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने से मानसिक तनाव दूर हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से पूर्ण होता है।

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    बता दें कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन वट सावित्री पूर्णिमा व्रत भी रखा जाता है। लेकिन कुछ लोगों को ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के तिथि को लेकर कुछ उलझने बनी हुई हैं। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत?

    ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2023 तिथि (Jyeshtha Purnima Vrat 2023 Date)

    हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 03 जून को सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक होगा और इस तिथि का समापन 04 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर हो जाएगा। बता दें कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन रात्रि के समय चंद्र देव की उपासना की जाती है। इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 03 जून 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। पवित्र स्नान 04 जून 2023 के दिन किया जाएगा।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2023 शुभ योग (Jyeshtha Purnima 2023 Shubh Yog)

    पंचांग में बताया गया है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन तीन अत्यंत शुभ समय का संयोग बन रहा है। बता दें कि इस दिन अनुराधा नक्षत्र पूर्ण रात्रि रहेगी, वहीं इस विशेष दिन पर सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 02 बजकर 48 मिनट पर शुरू होगा और पूर्ण रात्रि तक रहेगा।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत महत्व (Jyeshtha Purnima Vrat Importance)

    ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का श्रवण या पाठन करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन चंद्र देव की उपासना करने से और रात्रि के समय उन्हें अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मकता आती है। साथ ही कुंडली में चंद्र दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।