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    Jyeshtha Purnima 2024: पूर्णिमा को किए गए ये 2 उपाय बदल देंगे आपकी किस्मत, विवाह से जुड़ी मुश्किलें होंगी दूर

    ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बेहद पुण्यदायी होता है। यह तिथि भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन का उपवास रखने से जीवन में बरकत आती है। साथ ही वैवाहिक जीवन सुखी होता है। इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को मनाई जाएगी। वहीं इस तिथि पर गंगा स्नान और दान का भी खास महत्व है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 20 Jun 2024 09:09 AM (IST)
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    Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा उपाय -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन परंपरा में ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बेहद लाभकारी माना जाता है। यह तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से निपुण होता है। ऐसा कहा जाता है यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए भी सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसे में इस विशेष अवसर उनकी विधि अनुसार पूजा करें। साथ ही स्नान-दान करें।

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    ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून, 2024 को मनाई जाएगी, तो चलिए कुछ ज्योतिष उपाय पर नजर डालते हैं -

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    मनचाहे वर प्राप्ति के लिए

    यदि आपकी शादी में लगातार मुश्किलें आ रही हैं, तो पूर्णिमा व्रत के दिन बरगद के पेड़ पर लाल रंग का कलावा 7 बार लपेटकर बांधें। इसके साथ ही बरगद के पेड़ में दूध अर्पित करें। इसके बाद बरगद के पत्ते पर मनचाहे वर की इच्छा लिखें या बोलें। फिर उस पत्ते को अपने बेडरूम की अलमारी में रख दें। इस उपाय को करने से आपका विवाह जल्द होगा।

    वैवाहिक जीवन होगा सुखी

    अगर आपका वैवाहिक संबंध अच्छा नहीं चल रहा है और उसमें लगातार दूरियां बढ़ती जा रही हैं, तो आपको पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ की विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही सुहाग की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। फिर उस सामग्री को किसी सुहागिन स्त्री को दान में देना चाहिए। ऐसा करने से आपका दांपत्य जीवन मधुर रहेगा।

    चंद्र देव अर्घ्य मंत्र

    • ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
    • ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।