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    Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम, जानें पूजा-पाठ के लिए शुभ समय

    Updated: Sat, 22 Jun 2024 09:05 AM (IST)

    पूर्णिमा के दिन चंद्र देव अपने पूर्ण रूप में होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर चंद्रमा अपनी सकारात्मक किरणों के रूप में धरती पर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस बार पूर्णिमा ज्येष्ठ माह के दौरान पड़ रही है जिस वजह से इसे ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस मौके पर पूजा-अनुष्ठान हवन और गंगा स्नान आदि करना लाभकारी माना जाता है।

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    Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये काम -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। इस शुभ दिन पर लोग व्रत रखते हैं और भगवान सत्यनारायण की विधि अनुसार पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्र देव अपने पूर्ण रूप और प्रसन्न मुद्रा में होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर चंद्रमा अपनी सकारात्मक किरणों के रूप में धरती पर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस बार पूर्णिमा ज्येष्ठ माह के दौरान पड़ रही है, जिस वजह से इसे ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस मौके पर पूजा-अनुष्ठान, हवन और गंगा स्नान आदि करना लाभकारी माना जाता है।

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    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून, 2024 यानी आज के दिन मनाई जा रही है, तो आइए इस तिथि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

    ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये काम

    सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में पवित्र स्नान करें। जो जातक गंगा नदी में जाकर स्नान नहीं कर सकते हैं, वे घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं। मंदिर की सफाई करें। व्रती विधि अनुसार पूजा-पाठ करें। जो लोग सत्यनारायण पूजा कर रहे हैं, वे चंद्रमा निकलने से पहले पूजा करने की कोशिश करें। घर पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें।

    तिजोरी में श्रीयंत्र स्थापित करें। तामसिक चीजों से दूर रहें। धार्मिक स्थल पर जरूर जाएं। चंद्रमा की रोशनी में बैठकर ध्यान करें और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें। चंद्र देव को अर्घ्य जरूर अर्पित करें। व्रती सात्विक भोजन से अपना व्रत तोड़ें।

    पूजा-पाठ के लिए शुभ समय

    • अमृत काल - प्रात: 09 बजकर 27 मिनट से प्रात: 11 बजकर 04 मिनट तक
    • अभिजीत मुहूर्त - प्रात: 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।