Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत आज, इस शुभ संयोग में करें पूजा-पाठ

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sat, 03 Jun 2023 07:00 AM (IST)

    Jyeshtha Purnima 2023 हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत को विशेष महत्व मिला है। इस विशेष दिन पर स्नान दान और पूजा-पाठ का विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस दिन उपवास रखने से साधक की सभी परेशानियां दूर हो जाती है।

    Hero Image
    Jyeshtha Purnima 2023 Date: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा-पाठ।

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Jyeshtha Purnima 2023 Date: हिन्दू शास्त्रों में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर स्नान-दान व पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि आज यानी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी एवं चंद्र देव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि आज तीन अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत शुभ-मुहूर्त और संयोग।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2023 शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Purnima 2023 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 3 जून को सुबह 11:16 पर होगा स्थिति का अंत 4 जून को सुबह 9:11 पर हो जाएगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की उपासना के कारण, यह व्रत 3 जून 2023, शनिवार के दिन रखा जा रहा है। आज के दिन अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। जिसमें पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2023 शुभ संयोग (Jyeshtha Purnima 2023 Shubh Yog)

    पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन अनुराधा योग बन रहा है जो सुबह 6:16 से पूर्ण रात्रि तक रहेगा। साथ ही इस दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 02:48 तक रहेगा और इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत महत्व (Jyeshtha Purnima Significance)

    शास्त्रों में बताया गया है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन सत्यनारायण भगवान कथा का पाठ करने से या उनका श्रवण करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से धन, सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज रात्रि के समय चंद्र देव की उपासना करने से और उन्हें अर्घ्य प्रदान करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और कुंडली में चंद्र प्रबल होते हैं।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।