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    Lord Shiv Puja: मासिक शिवरात्रि-प्रदोष व्रत और बड़ा मंगल एक साथ, जानें क्यों है ये खास?

    Updated: Mon, 03 Jun 2024 12:18 PM (IST)

    भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस बार शिव पूजा के लिए एक नहीं तीन शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं। दरअसल 4 जून को मासिक शिवरात्रि-प्रदोष व्रत और बड़ा मंगल एक साथ मनाया जाएगा जिसकी वजह से इस दिन का महत्व बढ़ गया है।

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    Jyeshtha Masik Shivratri And Pradosh Vrat 2024: प्रदोष और मासिक शिवरात्रि -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शंकर की पूजा का शास्त्रों में बहुत महत्व है। उनकी पूजा के लिए प्रदोष और मासिक शिवरात्रि (Jyeshtha Masik Shivratri And Pradosh Vrat 2024) का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस बार ये दोनों ही व्रत एक दिन पड़ रहे हैं, जो भोलेनाथ को अति प्रिय हैं। इसके साथ ही इस तिथि पर दूसरा बड़ा मंगल भी पड़ रहा है। इन तीन तिथियों के एक साथ पड़ने पर यह दिन अपने आप में बहुत ही विशेष माना जा रहा है। ऐसे में इस दिन किसी खास मुहूर्त की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह पूरा दिन बहुत शुभ है।

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    इसलिए कोशिश करें इस शुभ अवसर पर भाव के साथ ज्यादा से ज्यादा पूजा करें। माना जा रहा है कि इस दिन पूजा करने से उसका फल कई गुना बढ़ जाएगा, तो आइए इसकी सही डेट और पूजन समय जानते हैं।

    प्रदोष व्रत तिथि और समय

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि ​04 जून, 2024 रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, ​इस तिथि का समापन 04 जून को रात्रि 10 बजकर 01 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा।

    भौम प्रदोष पूजा समय - रात्रि 07 बजकर 16 मिनट से रात्रि 09 बजकर 18 मिनट तक।

    मासिक शिवरात्रि पूजन समय - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक।

    मासिक शिवरात्रि तिथि और समय

    हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 4 जून की रात्रि 10 बजकर 01 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 5 जून, 2024 को सुबह 07 बजकर 54 मिनट पर होगा। शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में ज्यादा शुभ मानी जाती है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'