Janmashtami Fasting Rule: जन्माष्टमी का व्रत करते समय इन बातों का रखें ख्याल
Janmashtami Fasting Rule कृष्ण जन्मोत्सव को देशभर के लोग बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं। इस दिन लोग व्रत करते हैं और कृष्ण जी की आराधना करते हैं।
Janmashtami Fasting Rule: कृष्ण जन्मोत्सव को देशभर के लोग बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं। इस दिन लोग व्रत करते हैं और कृष्ण जी की आराधना करते हैं। जन्माष्टमी के दिन लोग कान्हा के नाम पर पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ व्रत करते हैं। लेकिन ये व्रत करते समय आपको कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में हम आपको यहां इन्हीं बातों की जानकारी दे रहे हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करते समय इन बातों का रखें ख्याल:
1. व्रत करने से एक दिन पहले आपको अल्प आहार ग्रहण करना होगा। व्रत वाले दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें और भगवान कृष्ण के व्रत का संकल्प करें।
2. व्रत करने से पहले आपको श्रद्धानुसार यह चुनना होगा कि आप इस व्रत को कैसे रखना चाहते हैं। कुछ लोग इस व्रत को निराहार भी रखते हैं। अगर आप बिना खाए व्रत नहीं कर सकते हैं तो आप व्रत के बीच में फल, दूध आदि ले सकते हैं।
3. जिस दिन आप व्रत करें उस दिन मध्य रात्रि में भगवान कृष्ण के जन्म होने तक उनके नाम का जाप करते रहे। साथ ही भजन-कीर्तन भी करें। कृष्ण जी की कथा भी जरूर सुनें।
4. जिस जगह कान्हा को स्थापित करना है उस जगह चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इस पर कृष्ण जी का पालना रखें। इस पालने पर बाल गोपाल की प्रतिमा रखें। इन्हें नए वस्त्र पहनाएं। इन्हें सजाएं। प्रतिमा पर बांसुरी और मयूर पुष्प जरूर रखें।
5. जिस समय कृष्ण जी का जन्म हो उस समय हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारे जरूर लगाएं। इसके साथ ही कृष्ण की माता देवकी और पिता वासुदेव के नाम के भी जयकारे भी लगाएं। क
6. जब कृष्ण जी का जन्म हो जाए तब बाल गोपाल का पंचोपचार से पूजन करें। इनका श्रृंगार कर इन्हें आरती करें। इन्हें प्रसाद का भोग और झूला झूलाएं। उन्हें प्रसाद का भोग लगाएं और झूला झुलाएं। कृष्ण के जन्मोत्सव का प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही भोजन खाएं।
7. इस व्रत को श्रद्धा और नियम-संयम से पूरा करना चाहिए। यह व्रत इहलोक और परलोक में हर तरह के सुख प्रदान करता है। इस दिन न तो क्रोध करें और न ही किसी की आलोचना करें।
8. जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल को माखन और मिश्री का भोग जरूर लगाएं।
9. बाल गोपाल को गंगाजल से स्नान भी जरूर कराएं। साथ ही फल-फूल, चंदन, धूप आदि अर्पित करें।