Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Janmashtami 2025: आज है कृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त मंत्र और पूजन नियम

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 08:53 AM (IST)

    जन्माष्टमी (Janmashtami 2025) भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। 15 अगस्त को मनाया गया यह पर्व वृंदावन में 16 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है। यह पर्व धर्म की विजय का प्रतीक है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं और पूजा करते हैं तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

    Hero Image
    Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी हर साल साधक पूर्ण भव्यता के साथ मनाते हैं। यह पर्व अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 15 अगस्त को मनाया गया है। वहीं, वृंदावन में यह पर्व (Janmashtami 2025) 16 अगस्त यानी आज के दिन मनाया जा रहा है। ऐसे में आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जन्माष्टमी का महत्व (Janmashtami 2025 Significance)

    जन्माष्टमी का पर्व न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को भी दिखाता है। भगवान कृष्ण ने जिस तरह से अपनी लीलाओं के माध्यम से अधर्म का नाश किया, वह हमें सिखाता है कि सत्य और धर्म के मार्ग पर चलकर ही जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह पर्व प्रेम, भक्ति और त्याग का प्रतीक है।

    पूजन के नियम (Janmashtami 2025 Puja Vidhi)

    • इस दिन सूर्योदय से लेकर रात 12 बजे तक लोग उपवास रखते हैं।
    • कई लोग फलाहार करते हैं, जबकि कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं।
    • पूजा स्थल पर भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।
    • इसे सुंदर फूलों, झूले और रंगीन कपड़ों से सजाएं।
    • रात 12 बजे जब कान्हा का जन्म होता है, तब उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं।
    • इसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाकर झूले में बैठाएं।
    • अंत में आरती करें।

    चढ़ाएं ये भोग (Janmashtami 2025 Bhog list)

    • माखन-मिश्री - भगवान कृष्ण को माखन बहुत प्रिय है। इसलिए उन्हें माखन और मिश्री का भोग जरूर लगाएं।
    • धनिया पंजीरी - यह जन्माष्टमी का एक पारंपरिक भोग है, जिसे चढ़ाने से जीवन में शुभता का आगमन होता है। साथ ही कान्हा खुश होते हैं।
    • खीर - इस दिन खीर भी भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती है।
    • पीले फल - इस दिन मौसमी फल जैसे - केले, सेब और अंगूर का भोग भी लगाया जाता है।

    यह भी पढ़ें- Janmashtami के दिन मंजरी से जरूर करें ये काम, धन की समस्या से लेकर नेगेटिविटी होगी दूर

    यह भी पढ़ें- Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी से इन राशियों की बदलेगी तकदीर, आर्थिक तंगी होगी दूर

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।