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    Janmashtami 2024: आखिर क्यों मोरमुकुटधारी को अर्पित किए जाते हैं 56 भोग, वजह है बेहद खास

    Updated: Sat, 24 Aug 2024 02:48 PM (IST)

    धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। लड्डू गोपाल को 56 भोग (56 Bhog Menu) जरूर लगाना चाहिए। आइए जानते हैं इसका इतिहास और 56 भोग में किन चीजों को शामिल करना चाहिए?

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    Lord Krishna Bhog: जन्माष्टमी पर जरूर अर्पित करें 56 भोग (Pic credit freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord krishna 56 Bhog: कृष्ण भक्त जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस पर्व से कुछ दिन पहले ही मथुरा समेत देशभर के कृष्ण मंदिरों को सजाने की शुरुआत होती है और जन्माष्टमी पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और प्रभु को 56 तरह के भोग लगाए जाते हैं। मान्यता है कि 56 भोग न लगाने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। क्या आपको पता है कि भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग (Lord krishna 56 Bhog History) अर्पित करने की परंपरा की शुरुआत कैसे हुई? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।  

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    इसलिए लगाते हैं 56 भोग

    पौराणिक कथा के अनुसार, गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को वर के रूप में पाने के लिए यमुना नदी में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान स्नान किया, क्योंकि गोपियां भगवान श्रीकृष्ण को वर के रूप में देखना चाहती थीं। इसलिए गोपियों ने मां कात्यायनी से प्रार्थना की। इसके बदले में गोपियों को मां कात्यायनी की पूजा के दौरान 56 भोग अर्पित करने की मन्नत मांगी थी। मान्यता है कि इसके बाद से भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा शुरू हुई।  

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    वहीं, दूसरी कथा के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से ब्रजवासियों के बचाव के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था, तो उस दौरान प्रभु ने 7 दिन तक कुछ भी नहीं खाया था। इसके पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को 56 तरह के भोग अर्पित किए गए। तभी से कान्हा जी को 56 भोग लगाए जाते हैं।

    56 भोग लिस्ट

    रसगुल्ला, जलेबी, रबड़ी, पंचामृत, गोघृत, शक्कर पारा,पंजीरी, माखन-मिश्री,  दही, चावल, कढ़ी, चीला,मोहनभोग, मूंग दाल हलवा, खीर,जीरा-लड्डू, मालपुआ, घेवर, पेड़ा, काजू-बादाम बर्फी, रोटी, नारियल पानी, आलूबुखारा, शिकंजी, चना,बादाम का दूध, छाछ, किशमिश, मीठे चावल, पकौड़े, पिस्ता बर्फी,  मठरी, चटनी, मुरब्बा,खिचड़ी, बैंगन की सब्जी,आम, केला, अंगूर, सेब,पूड़ी, टिक्की, दलिया,  सफेद-मक्खन, सौंफ, पान और मेवा, ताजी क्रीम,साग, पापड़,  दूधी की सब्जी, देसी घी, शहद, कचौरी, भुजिया, सुपारी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।