Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर करें इस स्तोत्र का पाठ, मिलेगा भगवान कृष्ण का आशीर्वाद

    Updated: Fri, 23 Aug 2024 02:17 PM (IST)

    जन्माष्टमी हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हिंदू धर्म में इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में हर साल मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 26 अगस्त को मनाई जाएगी।

    Hero Image
    Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन नियम -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जन्माष्टमी का त्योहार बेहद ही शुभ माना जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी या श्रीजयंती के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही भगवान कृष्ण के साथ राधा रानी की भी कृपा प्राप्त होती है। वहीं, इस दिन श्री गोविंदा अष्टकम का पाठ भी परम कल्याणकारी माना गया है, जो इस प्रकार है।

    यह भी पढ़ें: Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, टूट पड़ेगा दुखों का पहाड़, निष्फल हो जाएगी पूजा

    ।।श्री गोविन्दा अष्टकम (Shri Govinda Ashtakam)।।

    सत्यं ज्ञानमनन्तं नित्यमनाकाशं परमाकाशं गोष्ठप्रांगणरिंगणलोलमनायासं परमायासम् ।

    मायाकल्पितनानाकारमनाकारं भुवनाकारं क्ष्माया नाथमनाथं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।1।।

    मृत्स्नामत्सीहेति किमीह यशोदाताडनशैशवसंत्रासं व्यादितवक्त्रालोकितलोकालोकचतुर्दशलोकालिम् ।

    लोकत्रयपुरमूलस्तम्भं लोकालोकमनालोकं लोकेशं परमेशं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।2।।

    त्रैविष्टपरिपुवीरघ्नं क्षितिभारघ्नं भवरोगघ्नं कैवल्यं नवनीताहारमनाहारं भुवनाहारम् ।

    वैमल्यस्फुटचेतोवृत्तिविशेषाभासमनाभासं शैवं केवलशान्तं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।3।।

    गोपालं भूलीलाविग्रहगोपालं कुलगोपालं गोपीखेलनगोवर्धनधृतिलीलालालितगोपालम् ।

    गोभिर्निगदितगोविन्दस्फुटनामानं बहुनामानं गोपीगोचरदूरं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।4।।

    गोपीमण्डलगोष्ठीभेदं भेदावस्थमभेदाभं शश्वद्गोखुरनिर्धूतोद्धतधूलीधूसरसौभाग्यम् ।

    श्रद्धाभक्तिग्रहीतानन्दमचिन्त्यं चिन्तितसद्भावं चिंतामणिमहिमानं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।5।।

    स्नानव्याकुलयोषिद्वस्त्रमुपादायागमुपारूढं व्यादित्सन्तीरथ दिग्वस्त्रा ह्युपदातुमुपाकर्षन्तम् ।

    निर्धूतद्वयशोकविमोहं बुद्धं बुद्धेरन्त: स्थं सत्तामात्रशरीरं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।6।।

    कान्तं कारणकारणमादिमनादिं कालमनाभासं कालिन्दीगतकालियशिरसि मुहुर्न्रत्यन्तं नृत्यन्तम् ।

    कालं कालकलातीतं कलिताशेषं कलिदोषघ्नं कालत्रयगतिहेतुं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।7।।

    वृन्दावनभुवि वृन्दारकगणवृन्दाराध्यं वन्देऽहं कुन्दाभामलमंदस्मेरसुधानन्दं सुह्रदानन्दम् ।

    वन्धाशेषमहामुनिमानसवन्धानन्दपदद्वन्द्वं वन्धाशेषगुणाब्धिं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ।।8।।

    गोविन्दाष्टकमेतदधीते गोविन्दार्पितचेता यो गोविन्दाच्युत माधवविष्णो गोकुलनायक कृष्णेति ।

    गोविन्दांगघ्रिसरोजध्यानसुधाजलधौतसमस्ताघो गोविन्दं परमानंदामृतमंत:स्थं स समभ्येति ।।9।।

    यह भी पढ़ें: Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर पूजा के समय करें भगवान कृष्ण के नामों का मंत्र जाप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।