Janmashtami 2023: भगवान कृष्ण के नीले रंग के शरीर के पीछे का क्या है रहस्य?
Janmashtami 2023 एक बार भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के संग नदी किनारे क्रीड़ा कर रहे थे। उसी समय गेंद यमुना नदी में चली जाती है। तब भगवान श्रीकृष्ण गेंद लेने यमुना नदी में प्रवेश करते हैं। उन दिनों यमुना नदी में कालिया नाग रहता है। वह विषधारी था। कालांतर में कालिया नाग और जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण के बीच युद्ध हुआ।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Janmashtami 2023: सनातन पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में कृष्ण अष्टमी मनाई जाती है। धार्मिक शास्त्रों में भगवान श्रीकृष्ण की जीवनी का वर्णन विस्तार से किया गया है। भगवान की लीला अपरंपार है। उनकी लीलाओं की कोई सीमा नहीं है। जब हम उनके बारे में सुनते हैं, पढ़ते हैं और जानते हैं, तो जानने की जिज्ञासा और बढ़ जाती है। उनकी लीलाओं की वजह से उन्हें कई नामों से जाना जाता है। इनमें एक नाम श्याम है। श्याम का भावार्थ काला और सांवला है। इसके अलावा, भगवान श्रीकृष्ण के शरीर का रंग नीला भी है। आइए, भगवान कृष्ण के नीले रंग के शरीर के रहस्य की पौराणिक कथा और रहस्य जानते हैं-
पौराणिक कथा
किंदवंती है कि द्वापर युग में अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करने हेतु भगवान श्रीकृष्ण मानव रूप में अवतरित हुए थे। उनका जन्म माता देवकी के गर्भ से हुआ था। उस समय भगवान श्रीकृष्ण के मामा कंस को आकाशवाणी के जरिए यह पता चला था कि देवकी की आंठवी संतान के हाथों उसका वध होगा। यह जान कंस ने भगवान श्रीकृष्ण का वध करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कंस को इस कार्य में सफलता नहीं मिली।
इसी दौरान एक बार कंस ने राक्षसी पूतना को भगवान श्रीकृष्ण का वध करने के लिए भेजा। पूतना ने धोखे से भगवान को दुग्धपान के जरिए विषपान कराने की कोशिश की। भगवान श्रीकृष्ण पूर्व से ही पूतना की मंशा को जानते थे। अतः उन्होंने दुग्धपान के बहाने विषपान किया। विष का प्रभाव भगवान पर नहीं पड़ा, लेकिन विषपान के जरिए उन्होंने पूतना का वध कर दिया। विषपान करने की वजह से भगवान श्रीकृष्ण का वर्ण नीला है।
एक अन्य कथा भी प्रचलित है। इस कथा के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के संग नदी किनारे क्रीड़ा कर रहे थे। उसी समय गेंद यमुना नदी में चली जाती है। तब भगवान श्रीकृष्ण गेंद लेने यमुना नदी में प्रवेश करते हैं। उन दिनों यमुना नदी में कालिया नाग रहता है। वह विषधारी था। यमुना नदी में आहट सुन वह बाहर आता है। वह बेहद विषैला था। उसके विष से यमुना नदी के पानी का रंग नीला हो जाता है। कहते हैं कि कालिया नाग और भगवान श्रीकृष्ण के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में भगवान ने कालिया नाग को परास्त कर दिया। हालांकि, विष के प्रभाव में रहने के चलते भगवान श्रीकृष्ण का शरीर नीला हो गया।
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