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Jagannath Rath Yatra 2023: रथ यात्रा से 15 दिन पूर्व बीमार पड़ जाते हैं भगवान जगन्नाथ, जानिए इससे जुड़ी प्रथा

Jagannath Rath Yatra 2023 हिन्दू धर्म में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का विशेष महत्व है। यह यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है और इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर जाते हैं।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Sun, 04 Jun 2023 06:04 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jun 2023 06:04 PM (IST)
Jagannath Rath Yatra 2023: क्यों रथ यात्रा के 15 दिन पूर्व बीमार पड़ जाते हैं भगवान जगन्नाथ?

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Jagannath Rath Yatra 2023 Date: आमतौर पर मनुष्य ही बुखार या किसी अन्य बीमारी की चपेट में आते हैं। लेकिन साल में कुछ समय ऐसा आता है जब भगवान जगन्नाथ भी बीमार पड़ जाते हैं और 15 दिनों तक उनका इलाज किया जाता हैं। इस अवधि में उन्हें एकांतवास में रखा जाता है। बता दें कि भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के 15 पहले बीमार पड़ जाते हैं।

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हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष यह यात्रा 20 जून 2023, मंगलवार के दिन निकाली जाएगी। लेकिन इस यात्रा से पूर्व भगवान 15 दिनों तक एकांतवास में रहते हैं। आइए जानते हैं क्या है इससे जुड़ी प्रथा और क्यों भगवान 15 दिनों तक करते हैं एकांतवास?

15 दिनों तक एकांतवास में रहते हैं भगवान जगन्नाथ

ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर में ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भ गृह से बाहर लाया जाता है और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है। स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें बुखार आ जाता है। जिस कारण से वह 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम मुद्रा में रहते हैं। इस दौरान उन्हें कई प्रकार की औषधियां दी जाती है। सादा भोजन जैसे खिचड़ी इत्यादि का भोग लगाया जाता है। औषधि के रूप में उन्हें काढ़ा भी पिलाया जाता है। फिर आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन वह अपने विश्राम कक्ष से बाहर निकलते हैं और इस दिन भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है

भगवान जगन्नाथ को सहस्त्र स्नान कराने की यह परम्परा और उनके बीमार पड़ने की यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस दौरन दर्शनार्थियों के लिए भी कक्ष के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। जब भगवान स्वस्थ हो जाते हैं तब अपने विशालकाय रथों पर विराजमान होकर नगर यात्रा करते हुए अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर में कुछ दिन विश्राम करते हैं। जगन्नाथ पुरी की यह भव्य रथ यात्रा को संपूर्ण विश्व में ख्याति प्राप्त है। इस रथ यात्रा को देखने के लिए देश एवं विदेश से लाखो की संख्या में लोग जगन्नाथ पुरी मंदिर में एकत्रीत होते हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 तिथि और यात्रा का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 11:25 पर होगी और यह तिथि 20 जून को दोपहर 1:07 पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा 20 जून 2023, मंगलवार के दिन निकली जाएगी। रथ यात्रा का समय इस दिन रात्रि 10:04 निर्धारित किया गया है और यात्रा का समापन 21 जून को शाम 07:09 पर होगा।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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