Move to Jagran APP

यह किताबें बाहर तभी निकालीं जाती जब 10 यहूदी मतावलंबी मौजूद हो

भारत में यहूदी समुदाय के आम तौर पर तीन बड़े संप्रदाय हैं। इनमें पहला संप्रदाय बेन इजरायल है जिसकी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तादाद है। यहूदियों के दूसरे संप्रदाय बगदादी यहूदी के नाम से जाना जाता

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2016 01:31 PM (IST)
यह किताबें बाहर तभी निकालीं जाती जब 10 यहूदी मतावलंबी मौजूद हो

यहूदी धर्म इस्राइल और हिब्रूभाषियों का राजधर्म है। यहूदी धर्म का पवित्र ग्रंथ 'तनख़ बाईबल' का प्राचीन भाग माना जाता है। इस धर्म में एकेश्वरवाद और ईश्वर के दूत यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है।

loksabha election banner

भारत में मुंबई के ठाणे में यहूदियों के 137 साल पुराना पूजा स्थल (सिनेगॉग) 'गेट ऑफ हेवन' मौजूद है। यहां पर 'हम तोरा' (पवित्र किताब) भी है, जिसे हर व्यक्ति नहीं पढ़ सकता है।

इन पवित्र किता बों को सिनेगॉग में रखा जाता है। और पवित्र धार्मिक किताबों को खास पूजा के मौके पर ही बाहर निकालने की परंपरा रही है। यह किताबें बाहर तभी निकालीं जाती हैं, जब कम से कम 10 वयस्क यहूदी मतावलंबी लोगों की मौजूदगी भी जरूरी होती है।

दरअसल, सिनेगॉग यहूदी प्रार्थना गृह हैं। यह कमरों से लेकर महलनुमा हॉल तक किसी भी तरह के हो सकते हैं। इनमें प्रमुख धार्मिक वस्तुओं के रूप में 'होली ऑर्क' होता है, जो लकड़ी के कबोर्ड से लेकर अलंकृत पेटी के रूप में हो सकता है। आर्क प्रायः ऊंचे रखे जाते हैं। इनमें नुमाइंदगी करने वाली चीजें रखी जाती हैं।

आर्क उस दीवार पर लगाया जाता है, जो यरुशलम की तरफ होती है। यह भारी मखमल पर कढ़ाई करके बनाए गए आवरण से ढका होता है। सिनेगॉग में आर्क आवरण के कई सेट हो सकते हैं, अमूमन, वीक डेज के लिए सादा, शबात और अन्य त्योहारों के लिए सजावटी तौर पर उपयोग में लाया जाता है।

इनमें सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक सामान है, 'तोरा स्क्रॉल, द पेंटाटक,' जो यहूदी लोगों का इतिहास बयां करता है और मोनोथेइज्म (अद्वैतवाद) व जातीय व्यवहार का सार्वभौमिक संदेश देता है। यह आर्क में लोक-वाचन के लिए सुरक्षित रखा जाता है। यह स्क्रॉल असल में कई चर्मपत्रों को सिलकर बनाया गया होता है, जिसकी ऊंचाई 80 सेंटीमीटर तक हो सकती है।

तोरा स्क्रॉल को पूरा आदर और सम्मान दिया जाता है, हालांकि इसकी पूजा नहीं की जाती। कुछ सिनेगॉग में एक अलग आर्क होता है, जिनमें बाइबल बुक्स के स्क्रॉल होते हैं। इनमें से हैटरॉट का सबैत और अन्य त्योहारों पर पूरक पाठन होता है। तोरा के अलावा सबसे आम तौर पर पाया जाना वाला स्क्रॉल इस्टर है, जो पुरिम का महत्व बयां करता है।

घट रही है यहूदियों की संख्या

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में यहूदियों की संख्या 5 हजार से भी कम होने का अनुमान है। देश की आर्थिक राजधानी के रूप में मशहूर मुंबई में करीब 4 हजार यहूदियों में से करीब 1800 लोग ठाणे इलाके में ही रहते हैं।

3 तरह का यहूदी समुदाय

भारत में यहूदी समुदाय के आम तौर पर तीन बड़े संप्रदाय हैं। इनमें पहला संप्रदाय बेन इजरायल है जिसकी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तादाद है। यहूदियों के दूसरे संप्रदाय को बगदादी यहूदी के नाम से जाना जाता है। और यहूदियों का तीसरा संप्रदाय कोचिन यहूदी है जिसके लोग ज्यादातर मालाबार तट के आसपास रहते हैं।

कोलकाता और कोच्चि में रहने वाले यहूदियों की संख्या बहुत कम होती जा रही है । वर्ष 1796 में सैमुअल स्ट्रीट पर बना 'गेट ऑफ मर्सी' सिनेगॉग मुंबई का सबसे पुराना यहूदी पूजास्थल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.