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    बनन में, बागन में, बगरयो बसंत है.

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    Updated: Tue, 04 Feb 2014 01:53 PM (IST)

    ब्रज के हजारों मंदिर बसंत पंचमी पर मंगलवार को बसंत की दीप्ति से दमकेंगे, साथ ही धार्मिक नगरी में छा जाएगा 40 दिवसीय रंगों का मौसम। मंदिरों में ठाकुरजी ...और पढ़ें

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    मथुरा। ब्रज के हजारों मंदिर बसंत पंचमी पर मंगलवार को बसंत की दीप्ति से दमकेंगे, साथ ही धार्मिक नगरी में छा जाएगा 40 दिवसीय रंगों का मौसम। मंदिरों में ठाकुरजी-श्रीराधारानी बसंती परिधान धारण करेंगे, उन्हें भोग भी पीली खीर आदि का लगेगा। जगह-जगह ढांड़ा गड़ने के साथ ही होली की मस्ती का दौर शुरू हो जाएगा। मंदिरों में उड़ने लगेंगे अबीर-गुलाल और भक्तजन गाने लगेंगे-'होली के रंग से रंग्यौ मन राधा के रंग' जैसे फाग व पद।

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    खेतों में खिले सरसों के पीले फूल और उनकी खुशबू ने ऋतुराज बसंत के आगमन का संदेश दे दिया है। मंगलवार को छोटे-बड़े सभी मंदिरों में ठाकुरजी-श्रीराधा रानी पीले वस्त्र धारण करेंगे। मंदिरों को बसंती परिधानों, पुष्प और प्रकाश आदि से सजाकर बसंती कमरे का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। अधिकतर महिलाएं भी बसंती परिधान धारण करेंगी। हर तरफ बासंती मौसम नजर आएगा।

    स्कूलों में होगी सरस्वती जी की पूजा- मंगलवार को सभी स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा होगी। इसके साथ ही नए बच्चों का एडमिशन भी कराने का दौर शुरू हो जाएगा।

    40 दिनी होरा आज से-ब्रज में हर जगह की होली का अपना महत्व है। चाहे मथुरा की हो या वृंदावन की, बरसाना-नंदगांव की हो या बल्देव-गोकुल की। बसंत पंचमी से 40 दिवसीय होली के पर्व की शुरुआत हो जाएगी। इसलिए कहावत है-सब जग होरी, ब्रज में होरा। मंदिरों में कान्हा और राधाजी को अबीर-गुलाल लगाने और फाग-पद गायन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जगह-जगह फूलों की होली भी खेली जाएगी। कान्हा के मंदिरों में भक्तों को अबीर-गुलाल का प्रसाद मिलना शुरू हो जाएगा।

    महिलाएं होली खेलने को करती हैं आमंत्रित- ब्रज में महिलाएं पुरुषों को होली खेलने के लिए बाकायदा आमंत्रित करती हैं। बरसाना और नंदगांव की लठामार होली हो या बल्देव की कोड़ामार, गोकुल की छड़ीमार होली, पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह बृज ही है, जहां महिलाएं पुरूषों के साथ लठामार होली खेलने के बाद अगले साल होली पर यह कहकर पुन: आमंत्रित करती हैं-'लला पुनि आइयो खेलन होरी'

    बसंत पर्व क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक-शहीद भगत सिंह और उनके साथियों के लिए बसंत क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक था। उनके लिये बसंती चोला धारण करने का मतलब देश के लिए स्वयं को उत्सर्ग कर देने की भावना से ओत-प्रोत था।

    बासंती बयार में होली खेलेंगे बांके बिहारी-ऋतुराज बसंत के आगाज पर बसंती परिधानों में बिहारीजी दर्शन देंगे। मंदिर में जमकर गुलाल उड़ेगा और इसी के साथ हो जाएगी होली की शुरूआत। होली खेलने की अनुपम आनंद की इच्छा लिए हजारों भक्त उनका दीदार करेंगे और मदमस्त नजर आयेंगे।

    मंदिरों में रखवा दिए जाएंगे अबीर-गुलाल- श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बसंत पंचमी के दिन से अबीर-गुलाल रखवा दिया जाएगा। मंदिर द्वारिकाधीश में भी ठाकुरजी को अबीर-गुलाल लगाने का दौर शुरू हो जाएगा। बरसाना के लाड़लीजी मंदिर और नंदगांव के नंदबाबा मंदिर में फाग महोत्सव और समाज गायन का आरंभ इस दिन से हो जाता है। गोस्वामी समाज की मंडली के गायन के साथ ही ढोलक-मजीरे आदि से वादन भी पूरा साथ देंगे।

    श्रीकृष्ण जन्म भूमि-यहां श्रीकेशवदेव मंदिर पर बसंत पंचमी पर बसंती छटा बिखरेगी। मंदिर को बसंती स्वरूप प्रदान कर आकर्षण बनाया गया है। मंगलवार को 11 बजे केसर की खीर का भोग ठाकुरजी-राधा रानी को लगाया जाएगा। तीन बजे से ठाकुर श्रीकेशव देव महाराज बसंती स्वरूप में दर्शन देंगे। शाम साढ़े तीन बजे से श्रद्धालुओं को खीर प्रसाद का वितरण किया जाएगा। शाम छह बजे से भजन होंगे।

    मंदिर द्वारिकाधीश- पीले फूल और परिधानों से मंदिर को सजाया जा रहा है। ठाकुर जी को भोग प्रसाद केसर से बनी पीली खीर का लगाया जाएगा।

    नंदभवन मंदिर- नंदगांव के नंद भवन में दोपहर में समाज गायन होगा। इसके बाद नंदीश्वर महादेवजी के सामने होली के पद गाए जाएंगे। गोस्वामीजनों के पूर्वज बाबा आनंदघन को होली सुनाई जाएगी। कन्हैया के भोग के लिए पीले पकवान बनाए जाएंगे।

    बरसाना लाड़लीजी मंदिर-बरसाना के लाडलीजी मंदिर में बसंती फूलों से बंगला सजाया जाएगा। राधा रानी बसंती पोशाक धारण करेंगी।राधा रानी मन्दिर परिसर में होली का विहंगम दृश्य।

    ऋतुराज बसंत के आगाज पर मंगलवार को बासंती उत्सव की धूम रहेगी। बसंती परिधानों में बिहारीजी दर्शन देंगे। मंदिर में जमकर गुलाल उड़ेगा और इसी के साथ होली की शुरूआत। होली खेलने की अनुपम आनंद की इच्छा लिए हजारों भक्त उनका दीदार करेंगे। ऐसे में उड़ेगा गुलाल और मदमस्त नजर आएंगे भक्त और भगवान। जगप्रसिद्ध ठा. बांकेबिहारी मंदिर, राधाबल्लभ मंदिर, प्राचीन सप्तदेवालयों समेत शहर केपांच हजार मंदिर मंगलवार को बसंती रंग में रंगे नजर आएंगे। मंगलवार से होली की शुरुआत हो जाएगी, ठाकुरजी भक्तों के साथ होली खेलेंगे। बांकेबिहारी के साथ होली के इस आनंद की बरसात में तरबतर होने को हजारों भक्तों का आगमन शुरू सोमवार सुबह से शुरू हो गया। धर्मशालाओं, होटल, गेस्ट हाउस में श्रद्धालुओं की भीड़ कमरे बुक कराने को बुकिंग कराती देखी गई। बालाजी आश्रम के प्रबंधक दीपक गोस्वामी ने बताया कि होली पर्व के लिए होटल, गेस्टहाउस में बुकिंग शुरू हो गई हैं। कुछ खास होटलों में तो होली तक की बुकिंग करा दी गई है। रंगजी मंदिर कैंपस में रहने वाले आचार्य नरेश नारायण ने बताया कि बसंत पंचमी से होली की शुरूआत हो जाएगी। चालीस दिन तक चलने वाले होली के इस अल्हड़पन का आनंद लेने को देश-विदेश के लाखों भक्त आएंगे। शहर में बांकेबिहारी मंदिर, राधाबल्लभ मदिर में होली का हुड़दंग होगा, तो मंगलवार को शाहबिहारी मंदिर में बासंती कमरे का आकर्षण होगा।

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