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    धैर्य रखना सीखें: समय चाहे जैसा हो धैर्य बनाए रखें, इसी में सफलता की कुंजी है

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 23 Aug 2021 08:15 AM (IST)

    कहते हैं कि जब आपका दौर बुरा चल रहा हो तब खामोशी से इंतजार के साथ काम करते हुए उसे बिताने की जरूरत होती है। जो लोग उस वक्त को गुजार देते हैं वे उसके अनुभव से सीखते हुए बहुत बड़े बन जाते हैं।

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    धैर्य रखना सीखें: समय चाहे जैसा हो धैर्य बनाए रखें, इसी में सफलता की कुंजी है

    धैर्य रखना साहसी लोगों का लक्षण है। वास्तव में धैर्य का फल मीठा होता है। दरअसल जो लोग धैर्य रखते हैं उनको चीजों के विश्लेषण करने का मौका मिल जाता है। एक बार भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ किसी गांव में उपदेश देने जा रहे थे। गांव जाने के मार्ग में उनको जगह-जगह बहुत से गड्ढे मिले। बुद्ध के एक शिष्य ने उन गड्ढों को देखकर जिज्ञासा प्रकट की, ‘आखिर इस तरह गड्ढे खुदे होने का तात्पर्य क्या है?’

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    बुद्ध बोले, ‘पानी की तलाश में किसी व्यक्ति ने इतने गड्ढे खोदे हैं। यदि वह धैर्यपूर्वक एक ही स्थान पर गड्ढा खोदता तो उसे पानी अवश्य मिल जाता, पर वह थोड़ी देर गड्ढा खोदता होगा और पानी न मिलने पर दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर देता होगा। व्यक्ति को परिश्रम करने के साथ धैर्य भी रखना चाहिए।’ इसी तरह क्रोध के क्षण में भी धैर्य का एक पल दुख के हजार पलों से बचे रहने में हमारी सहायता करता है।

    कहते हैं कि जब आपका दौर बुरा चल रहा हो तब खामोशी से इंतजार के साथ काम करते हुए उसे बिताने की जरूरत होती है। जो लोग उस वक्त को गुजार देते हैं, वे उसके अनुभव से सीखते हुए बहुत बड़े बन जाते हैं।

    दूसरे शब्दों में कहें तो जो लोग मुश्किल हालातों के सामने घुटने नहीं टेकते वे समय के साथ मजबूत होते जाते हैं, लेकिन इस मजबूती तक पहुंचने के लिए पहले उनको धैर्य की परीक्षा को पास करना होता है। किस्मत एक दिन बदलती जरूर है और जब बदलती है तो सब कुछ पलट देती है। इसलिए अपने अच्छे दिनों में अहंकार न करें और बुरे दिनों में धैर्य को भीतर धारण करें।

    कहते हैं कि स्वर्ग में सब कुछ है, लेकिन मौत नहीं है। गीता में सब कुछ है, लेकिन झूठ नहीं है। दुनिया में सब कुछ है, लेकिन सुकून नहीं है। आज के इंसान में सब कुछ है, लेकिन धैर्य नहीं है, जो कि इंसान की सफलता में जरूरी तत्व है। इसलिए समय चाहे जैसा हो धैर्य और संयम बनाए रखें। इसी में सफलता की कुंजी निहित है।

    सूर्यदीप कुशवाहा